राजस्थान में मानसून की सक्रियता ने एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल दिया है। मंगलवार देर रात से शुरू हुई बारिश ने भीलवाड़ा जिले में तबाही जैसे हालात पैदा कर दिए। भीलवाड़ा की बारिश इस समय पूरे क्षेत्र की चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर से लेकर गांव तक, हर इलाके में बारिश का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश
भीलवाड़ा में मंगलवार की रात से ही बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था जो बुधवार को भी लगातार जारी रहा। कभी तेज तो कभी हल्की बारिश के दौर ने पूरे जिले को अपनी चपेट में ले लिया। बारिश के कारण पूरे शहर में दिन में ही अंधेरा छा गया। नेहरू रोड, बस स्टैंड, बाहला सहित कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे आम लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बांध छलके, नदियां उफान पर
बारिश के चलते जिले के कई बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। मांडलगढ़ क्षेत्र का गोवटा बांध और सिंगोली के निकट देवलिया बांध पूरी तरह से छलक गए हैं। गोवटा बांध की भराव क्षमता 27 फीट है, जबकि देवलिया बांध 22 फीट क्षमता के साथ लबालब हो गया। ये दृश्य ग्रामीणों के लिए जहां राहत की खबर लेकर आया है, वहीं प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गया है।
बेड़च नदी ने रोका रास्ता
बरुंदनी-बड़लियास के बीच बहने वाली बेड़च नदी भी उफान पर है। पुलिया पर 10 फीट तक पानी बहने लगा है, जिससे बरुंदनी-भीलवाड़ा मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। इस कारण ग्रामीण इलाकों का शहर से संपर्क टूट गया है। लोग जरूरी कार्यों से शहर नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
त्रिवेणी नदी में मंदिर आधा डूबा
त्रिवेणी नदी भी उफान पर है। पुराने पुल पूरी तरह डूब गए हैं और त्रिवेणी में बना प्रसिद्ध मंदिर भी आधा पानी में समा गया है। यह दृश्य श्रद्धालुओं को चिंतित कर रहा है, क्योंकि इस मंदिर से धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं।
किसानों पर दोहरी मार
भीलवाड़ा की बारिश का असर सबसे ज्यादा किसानों पर देखा जा रहा है। खेतों में बुआई का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है, और जो फसलें पूर्व में बोई गई थीं, वे अब गलने की कगार पर हैं। अधिक पानी भरने के कारण किसानों को फसल खराब होने की चिंता सता रही है। जिन क्षेत्रों में हल्की बारिश की अपेक्षा थी, वहां अब अत्यधिक बारिश ने नुकसान पहुंचाया है।
बिजौलियां में रिकॉर्ड बारिश
बिजौलियां कस्बे में बुधवार सुबह तक 110 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां की नदियां और नाले पूरी तरह उफान पर हैं। पलकी नदी की पुलिया पर पानी आ जाने से केसरिया मोहल्ले का करबे से संपर्क टूट गया है। रेवा नदी में भी तेज बहाव देखा गया है। भड़किया, भक्रिया, मेनाल और सेवन फॉल जैसे स्थान भी पानी से लबालब होकर पूरे वेग से बह रहे हैं।
मांडल में जलमग्न हुआ कस्बा
मांडल क्षेत्र में बुधवार सुबह से हो रही मूसलधार बारिश ने पूरे कस्बे को जलमग्न कर दिया। सड़कों पर नदी जैसे हालात बन गए हैं, नालों ने अपना आकार बढ़ा लिया है। सरकारी कार्यालयों और भवन परिसरों में पानी भर गया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग का कार्यालय परिसर पूरी तरह से पानी में डूब गया, जिससे कर्मचारी भी काम पर नहीं पहुंच पाए।
कटार और बदनौर क्षेत्र में भी असर
कटार क्षेत्र की गलियों में पानी भर गया है, जिससे ग्रामीण खासे परेशान हैं। आसींद और बदनौर के आसपास भी लगातार दो दिनों से बारिश हो रही है। इससे कई इलाकों में जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है, और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
प्रशासन की ओर से सतर्कता बढ़ाई गई
प्रशासन ने जलस्तर बढ़ने की सूचना के बाद संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा है। पुल-पुलियों पर बेरिकेट्स लगाए जा रहे हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। जलभराव वाले क्षेत्रों में नगरपालिका की टीम सफाई और निकासी कार्य में जुटी हुई है।