मध्य रेल के अंतर्गत आने वाले सोलापुर मंडल के तीन कर्मचारियों को उनके सतर्क और जिम्मेदार व्यवहार के लिए मध्य रेल के महाप्रबंधक धर्मवीर मीना द्वारा संरक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार 1 जुलाई 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया गया। यह सम्मान उन कर्मचारियों को दिया गया, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए रेलवे संरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मध्य रेल ने हमेशा से संरक्षा और संचालन की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इस दिशा में कार्य कर रहे कर्मचारियों की मेहनत और सतर्कता को पहचानने हेतु ‘संरक्षा पुरस्कार’ की परंपरा बनाई गई है। इस पुरस्कार का उद्देश्य उन कर्मियों को सम्मानित करना है, जिन्होंने समय रहते खतरों की पहचान कर संभावित दुर्घटनाओं को रोका और संरक्षा सुनिश्चित की।
प्रत्येक विजेता को एक पदक, प्रशंसा प्रमाण पत्र, प्रशस्ति पत्र, और ₹2000 की नकद राशि प्रदान की गई।
17 जून 2025 को एक मालगाड़ी के साथ सिग्नल एक्सचेंज के दौरान उन्होंने देखा कि लूप लाइन के पास एक वैगन से कोई हिस्सा लटक रहा है। बीरमणि बीर ने तुरंत खतरे का संकेत दिखाया और ट्रेन को रोक दिया। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया ने एक संभावित बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।
14 जून 2025 को, प्रस्थान कर रही एक मालगाड़ी के दौरान सिग्नल एक्सचेंज के समय, उन्होंने एक वैगन से हिस्सा लटकता हुआ देखा। उन्होंने तुरंत लोको पायलट को सूचित कर ट्रेन को रोक दिया, जिससे किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सका।
5 जून 2025 को एक मालगाड़ी के आगमन पर उन्होंने देखा कि एक वैगन का पिस्टन रॉड ढीला होकर लटक रहा है। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया और इस प्रकार एक संभावित हादसे को टालने में सफलता पाई।
इन तीनों कर्मचारियों की सूझबूझ और तत्परता ने यह सिद्ध कर दिया कि मध्य रेल में कार्यरत कर्मचारी न केवल अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभा रहे हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए हमेशा सजग रहते हैं।
समारोह में मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री धर्मवीर मीना ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि,
“इन कर्मचारियों की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई ने न केवल रेल संचालन की संरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि जान-माल की हानि से भी बचाया। इनके जैसे कर्मठ कर्मचारी ही मध्य रेल की असली ताकत हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे उदाहरण बाकी कर्मचारियों को भी प्रेरित करेंगे कि वे अपने कार्यक्षेत्र में सजग और जिम्मेदार बने रहें।
इस समारोह में मध्य रेल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे जिनमें अपर महाप्रबंधक श्री प्रतीक गोस्वामी, प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री चंद्र किशोर प्रसाद, और सोलापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) डॉ. सुजीत मिश्रा शामिल थे।
डीआरएम डॉ. सुजीत मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा कि:
“हमारे कर्मचारियों की सतर्कता ही हमारी संरक्षा प्रणाली की रीढ़ है। हम गर्व महसूस करते हैं कि हमारे पास ऐसे समर्पित कर्मचारी हैं जो अपने कार्यों से न केवल संस्थान को गौरवान्वित करते हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं।”
मध्य रेल, भारतीय रेलवे की पांच प्रमुख ज़ोनल रेलवे में से एक है, जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के कई क्षेत्रों में रेल संचालन करता है। यह जोन संरक्षा, सेवा और नवाचार के लिए जाना जाता है। सोलापुर मंडल, जो मध्य रेल का एक महत्वपूर्ण भाग है, हमेशा संरक्षा और सतर्कता के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।
इस तरह की पुरस्कार वितरण प्रणाली, न केवल कर्मचारियों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि संरक्षा संस्कृति को भी मजबूत करती है। मध्य रेल लगातार संरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और रेल नेटवर्क को सुरक्षित बनाने के लिए प्रयासरत है।
इस समारोह ने यह दर्शाया कि मध्य रेल अपने कर्मचारियों के योगदान को सराहने में कभी पीछे नहीं रहती। तीनों कर्मचारियों ने यह सिद्ध कर दिया कि प्रतिबद्धता, सतर्कता और समय पर निर्णय लेना कितनी बड़ी दुर्घटनाओं को टाल सकता है।
मध्य रेल की यह पहल न केवल रेलवे कर्मचारियों को प्रेरणा देगी, बल्कि आम नागरिकों में भी रेलवे की जिम्मेदारी और संरक्षा के प्रति विश्वास को मजबूत करेगी।