वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए जोधपुर बना राष्ट्रीय केंद्र...

भगत की कोठी में बन रहा है अत्याधुनिक रेल डिपो

Pratahkal    04-Jun-2025
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देश का पहला वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो जोधपुर में


देश की अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के रखरखाव के लिए जोधपुर में देश का पहला वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो तेजी से तैयार किया जा रहा है। यह डिपो उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के पास बन रहा है। यह परियोजना भारतीय रेलवे की आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह देश का पहला मेंटेनेंस डिपो होगा जो विशेष रूप से वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए समर्पित होगा। देशभर में कुल चार ऐसे डिपो की योजना बनाई गई है, लेकिन जोधपुर में बनने वाला यह डिपो सबसे पहला और फिलहाल एकमात्र निर्माणाधीन डिपो है।

तीन पिट लाइनों के साथ अत्याधुनिक संरचना

जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने जानकारी दी कि यह डिपो कुल 600 मीटर में फैला होगा और इसमें एक साथ तीन वंदे भारत ट्रेनों की सेवा के लिए तीन पिट लाइनें होंगी। इससे वंदे भारत ट्रेनों की मरम्मत और निरीक्षण कार्य एक ही स्थान पर उच्च गुणवत्ता के साथ किया जा सकेगा। डिपो के संचालन से जोधपुर रेलवे मंडल को नई पहचान मिलेगी और यह रेलवे के रखरखाव मानकों को नए आयाम देगा।

विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ की अतिरिक्त परियोजना

इस डिपो के साथ एक कार्यशाला और एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए 200 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना प्रस्तावित की गई है। इस परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद निविदाएं जारी की जाएंगी और निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि डिपो का निर्माण कार्य वर्ष 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, कार्यशाला और प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण में अपेक्षाकृत अधिक समय लग सकता है, लेकिन एक बार काम शुरू होते ही इसे तेज़ी से पूरा किया जाएगा।

भर्ती प्रक्रिया और प्रशिक्षण

इस डिपो के लिए आवश्यक तकनीकी और अन्य स्टाफ की भर्ती रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) के माध्यम से की जाएगी। चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर तैनात किया जाएगा। प्रशिक्षण केंद्र बनने के बाद कर्मचारियों को वंदे भारत ट्रेनों की रखरखाव तकनीक में विशेष प्रशिक्षण देने की योजना भी है।

वंदे भारत: भारतीय रेलवे का भविष्य

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें भारतीय रेलवे के नवाचार, आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। यह ट्रेन पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित की गई है और यह आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है। देश की पहली वंदे भारत ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर चलाई गई थी। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और इसकी संरचना, संचालन प्रणाली और रखरखाव तकनीक अत्याधुनिक है।

वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने का उद्देश्य न केवल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाना है, बल्कि रेलवे परिसंपत्तियों और जनशक्ति की उत्पादकता में भी सुधार करना है। इस नई पीढ़ी की ट्रेनों के संचालन से भारतीय रेलवे की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थिति और मजबूत हुई है।

निष्कर्ष

जोधपुर में बन रहा वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो न केवल राजस्थान के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक मिसाल है। यह डिपो भारतीय रेलवे की नई सोच, नई दिशा और आत्मनिर्भरता की मिसाल है। डिपो के चालू होने के बाद वंदे भारत ट्रेनों की विश्वसनीयता और सेवा गुणवत्ता में और भी सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही, यह रोजगार और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाएगा।

यह परियोजना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भारत की रेलवे प्रणाली अब केवल परिवहन का माध्यम नहीं, बल्कि तकनीकी और रणनीतिक रूप से विकसित हो रही एक गतिशील प्रणाली है।