प्लेन क्रैश की असल वजह ढूंढेगी AAIB; 90 दिन की टाइमलाइन तय

अहमदाबाद विमान हादसा: टेकऑफ के एक मिनट बाद गिरा प्लेन, सरकार ने जांच के लिए 3 महीने की डेडलाइन तय की...

Pratahkal    14-Jun-2025
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प्लेन क्रैश की असल वजह ढूंढेगी AAIB; 90 दिन की टाइमलाइन तय 
 
12 जून को अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पहली बार आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं। हादसे में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 महज एक मिनट में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई और केवल एक व्यक्ति चमत्कारिक रूप से बच सका। इसके अलावा मेडिकल हॉस्टल परिसर, जहां विमान गिरा, वहां भी 20 से अधिक लोगों की जान चली गई।
 
क्या हुआ था उस दिन ?
 
नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि फ्लाइट AI-171, जो पेरिस होते हुए दिल्ली से अहमदाबाद पहुंची थी, ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से निर्धारित समय पर उड़ान भरी। टेकऑफ के तुरंत बाद विमान केवल 650 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया। इसके बाद अचानक ऊंचाई खोने लगा और दोपहर 1:39 बजे पायलट ने ATC को 'मे डे' कॉल भेजी। एक मिनट के भीतर विमान अहमदाबाद के मेघानीनगर क्षेत्र में स्थित एक मेडिकल हॉस्टल परिसर पर गिर पड़ा।
 
 
 
हादसे से पहले नहीं थी तकनीकी खराबी  :
 
समीर सिन्हा ने स्पष्ट किया कि हादसे से पहले विमान ने पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद का पूरा सफर बिना किसी तकनीकी गड़बड़ी के तय किया था। विमान की उड़ान में किसी भी तरह की खामी रिपोर्ट नहीं की गई थी, जिससे इस हादसे को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
 
सरकार ने गठित की उच्चस्तरीय जांच समिति :
 
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हादसे पर गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता गृह सचिव करेंगे। इस समिति में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति को तीन महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपनी होगी।
 
जांच के दायरे में ड्रीमलाइनर विमान :
 
हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच के आदेश दिए हैं। भारत में कुल 34 ड्रीमलाइनर विमान हैं, जिनमें से 8 की जांच पूरी हो चुकी है। विशेषज्ञ यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या विमान के डिज़ाइन, टेक्निकल सिस्टम या मेंटेनेंस से जुड़ी कोई चूक हादसे की वजह बनी।
 
 
 
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भविष्य के लिए सुझाव भी देगा पैनल :
 
जांच समिति सिर्फ हादसे की वजहों की पड़ताल ही नहीं करेगी, बल्कि मौजूदा एसओपी (Standard Operating Procedure) और दिशा-निर्देशों की समीक्षा कर यह सुझाव भी देगी कि भविष्य में ऐसे हादसों से कैसे बचा जा सकता है। इसमें एयरलाइन की सुरक्षा प्रक्रियाएं, एयर ट्रैफिक कंट्रोल का रोल, और पायलट ट्रेनिंग जैसे पहलू शामिल होंगे।
 
यह विमान हादसा भारत के इतिहास के सबसे भीषण हवाई हादसों में से एक बन गया है। सरकार की 3 महीने की डेडलाइन और व्यापक जांच से उम्मीद की जा रही है कि हादसे के कारणों पर पूरी सच्चाई सामने आएगी और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकेगा।