भीलवाड़ा (प्रात:काल संवाददाता)। डिजिटल युग में तेजी से बढ़ते साइबर ठगी के मामलों में एक और बड़ी सफलता मिली है। भीलवाड़ा साइबर थाना पुलिस ने 1.74 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में गुजरात से तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले दिल्ली के दो ठगों को पकड़ा जा चुका है।
साइबर पुलिस की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खातों की जांच से पता चला है कि ये ठग न केवल राजस्थान बल्कि देश के कई राज्यों में साइबर ठगी का जाल बिछाए हुए थे। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इनके खिलाफ करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं।
यह मामला साइबर ठगी की गंभीरता और इसके व्यापक प्रभाव को दर्शाता है। आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग करने वाले ये अपराधी राज्य की सीमाओं को पार करके अपना जाल फैलाते हैं।
एएसपी पारसमल जैन के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत साइबर थाना पुलिस ने गुजरात के कच्छ जिले के खुमंदपुरा आगरियावाड़ी निवासी आगरिया इरशाद (28 वर्ष) पुत्र आगरिया हुसैन को गिरफ्तार किया है। यह साइबर ठगी के मामले में तीसरी गिरफ्तारी है।|
पुलिस के अनुसार, कुल 1.74 करोड़ रुपये की ठगी में से 50 लाख रुपये आगरिया इरशाद के बैंक खाते में जमा हुए थे। इससे पहले गिरफ्तार हुए दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर थाना क्षेत्र के सरताज अली (38 वर्ष) और मोहम्मद अख्तर अंसारी (48 वर्ष) के बैंक खातों में 53 लाख रुपये जमा हुए थे।
यह पूरा मामला मई महीने में शुरू हुआ था जब गुलाबपुरा क्षेत्र के एक व्यवसायी के साथ साइबर ठगी हुई थी। पीड़ित व्यवसायी की शिकायत पर साइबर थाना भीलवाड़ा में प्रकरण संख्या 5/2025 दर्ज किया गया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की थी।
आज के डिजिटल दौर में साइबर ठगी एक गंभीर समस्या बन गई है। ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट और इंटरनेट की बढ़ती उपयोगिता के साथ ही साइबर अपराधियों के लिए नए अवसर पैदा हो गए हैं। ये अपराधी फर्जी वेबसाइट, फिशिंग, वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की चोरी और अन्य तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल करके मासूम लोगों को ठगते हैं।
साइबर ठगी के मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये अपराधी किसी भी राज्य या देश की सीमा में बंधे नहीं होते। इंटरनेट के जरिए वे कहीं से भी अपना काम कर सकते हैं, जिससे इन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
भीलवाड़ा साइबर थाना पुलिस की यह सफलता एएसपी पारसमल जैन के कुशल नेतृत्व में मिली है। जिले में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस टीम ने तकनीकी जांच और बैंक खातों की निगरानी के जरिए इस साइबर ठगी के गिरोह को पकड़ने में सफलता पाई है।
वर्तमान में पुलिस गिरफ्तार आरोपी आगरिया इरशाद से गहन पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ में और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है जो इस साइबर ठगी के नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर कर सकती हैं।
यह मामला आम जनता के लिए एक चेतावनी भी है। साइबर ठगी से बचने के लिए लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स और ओटीपी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। संदिग्ध कॉल या मैसेज मिलने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना देनी चाहिए।
पुलिस का यह सफल अभियान साइबर अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि कानून का हाथ उन तक जरूर पहुंचेगा। तकनीकी विशेषज्ञता और दृढ़ संकल्प के साथ पुलिस साइबर ठगी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है।