मुंबई के शेयर बाजार में बुधवार को जबरदस्त तेजी देखी गई, जब सेंसेक्स ने पिछले दिन की गिरावट को पूरी तरह भुलाकर नई ऊंचाई छूई। वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों और घरेलू स्तर पर तेल एवं गैस, टेक्नोलॉजी, आईटी तथा एनर्जी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आई तेजी के बल पर सेंसेक्स ने शानदार प्रदर्शन किया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 123.42 अंक की मजबूत बढ़त के साथ 82,515.14 अंक के स्तर पर पहुंच गया।
सेंसेक्स की इस तेजी के साथ-साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी उत्साहजनक प्रदर्शन में रहा। निफ्टी 37.15 अंक की बढ़त दर्ज करते हुए 25,141.40 अंक के स्तर पर बंद हुआ। यह दोनों प्रमुख सूचकांकों की मजबूती इस बात का स्पष्ट संकेत है कि निवेशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर विश्वास बना हुआ है। सेंसेक्स में आज की यह बढ़त न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि बाजार की समग्र भावना को भी दर्शाती है।
सेंसेक्स की आज की तेजी में सबसे बड़ा योगदान तेल एवं गैस सेक्टर का रहा। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और घरेलू तेल कंपनियों के बेहतर परिणामों की उम्मीदों ने इस क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में उछाल ने सेंसेक्स को मजबूत आधार प्रदान किया है।
टेक्नोलॉजी और आईटी सेक्टर की मजबूती भी सेंसेक्स की बढ़त में एक प्रमुख कारक रही। वैश्विक स्तर पर डिजिटलाइजेशन की बढ़ती मांग और भारतीय आईटी कंपनियों की बेहतर कमाई की संभावनाओं ने इस क्षेत्र में तेजी लाई है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस, विप्रो और हेक सीएल टेक्नोलॉजीज जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों में वृद्धि ने सेंसेक्स को उत्साहजनक गति प्रदान की है। यह क्षेत्र विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग की बढ़ती मांग से लाभान्वित हो रहा है।
एनर्जी सेक्टर में भी उल्लेखनीय तेजी देखी गई, जिसने सेंसेक्स को और भी मजबूत बनाया। नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में बढ़ते निवेश और सरकार की हरित ऊर्जा नीतियों के समर्थन ने इस क्षेत्र में निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है। अदानी ग्रीन एनर्जी, टाटा पावर, और एनटीपीसी जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी ने सेंसेक्स की समग्र दिशा को सकारात्मक बनाए रखा है।
सेंसेक्स की तेजी के पीछे वैश्विक कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने भारतीय निवेशकों में विश्वास जगाया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बढ़ती रुचि और उनकी खरीदारी ने भी सेंसेक्स को ऊपर की ओर धकेलने में योगदान दिया है। वैश्विक मुद्रास्फीति में कमी और केंद्रीय बैंकों की नीतियों में संभावित बदलाव की उम्मीदों ने जोखिम लेने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है।
बाजार के व्यापक आंकड़ों को देखें तो सेंसेक्स की तेजी एक व्यापक आधारित उछाल को दर्शाती है। बीएसई में कुल 4,180 कंपनियों में कारोबार हुआ, जिसमें से 2,227 कंपनियां हरे निशान में रहीं जबकि 1,821 लाल निशान में रहीं। 132 कंपनियों में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया। यह अनुपात दिखाता है कि सेंसेक्स की तेजी केवल कुछ बड़े शेयरों तक सीमित नहीं थी, बल्कि व्यापक बाजार में भी सकारात्मक भावना थी।
छोटी कंपनियों में विशेष रूप से लिवाली देखी गई, जो सेंसेक्स के साथ-साथ समग्र बाजार की मजबूती को दर्शाता है। स्मॉल कैप और मिड कैप सेगमेंट में अलग-अलग ट्रेंड देखे गए, जहां छोटी कंपनियों में खरीदारी का दबाव रहा वहीं मझौली कंपनियों में कुछ बिकवाली भी नजर आई। फिर भी, सेंसेक्स की मजबूती ने समग्र बाजार की दिशा को सकारात्मक बनाए रखा।
विश्लेषकों का मानना है कि सेंसेक्स की आज की बढ़त तकनीकी और मौलिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। कल की गिरावट से उबरकर आज की मजबूत रिकवरी इस बात का संकेत है कि सेंसेक्स में अभी भी ऊपर जाने की क्षमता मौजूद है। आने वाले दिनों में कॉर्पोरेट कमाई, वैश्विक घटनाक्रम और घरेलू आर्थिक डेटा सेंसेक्स की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।