भैंस को ढूंढने घर से निकले थे बच्चें, लराठी नदी में डूबने से तीन भाई-बहनों की मौत

    10-Jun-2025
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खेरवाड़ा (विशेष संवाददाता)।
राजस्थान के खेरवाड़ा उपखंड के लराठी गांव में एक दुखद घटना में रविवार शाम को तीन भाई-बहनों की नदी में डूबने से मौत हो गई। तीनों बच्चे अपनी भैंस को ढूंढने के लिए घर से निकले थे, लेकिन सोम नदी की गहराई उनके लिए जानलेवा साबित हुई।


घटना का विवरण

गांव के निवासी ललित कुमार बोडात ने बताया कि लराठी गांव के गबार फला क्षेत्र में रहने वाले दिनेश पुत्र गला बोडात के तीन बच्चे रविवार शाम करीब 5 बजे अपनी भैंस की तलाश में घर से निकले थे। इन बच्चों में 15 वर्षीय निरमा (कक्षा 10), 13 वर्षीय खुशबू (कक्षा 7) और 11 वर्षीय कल्पेश (कक्षा 6) शामिल थे।

तीनों बच्चे जब सोम नदी के किनारे पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनकी भैंस नदी के दूसरी तरफ चली गई है। पुल न होने के कारण तीनों ने नदी में उतरकर किनारे-किनारे दूसरी तरफ जाने का फैसला किया। हालांकि, नदी की अचानक बढ़ी गहराई में तीनों बच्चे डूब गए।


बचाव अभियान और शव बरामदगी

स्थानीय ग्रामीणों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत बचाव का प्रयास किया। हालांकि, अंधेरा होने के कारण रात में तलाश कार्य संभव नहीं हो सका। सोमवार सुबह 6:30 बजे ग्रामीणों और प्रशासन की टीम ने मिलकर नदी से तीनों बच्चों के शव निकाले।


पीड़ित परिवार की स्थिति

लराठी गांव के सरपंच लालूराम ने बताया कि मृतक बच्चों के पिता दिनेश मीणा गांव में चाय की दुकान चलाते हैं। उनके कुल पांच बच्चे थे, जिनमें से तीन की इस दुर्घटना में मौत हो गई है। अब परिवार में केवल 22 वर्षीय बेटा लालचंद और 6 वर्षीय बेटी रवीना बची है।

दिनेश मीणा का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और मुख्य रूप से पशुपालन और छोटी दुकान से अपना गुजारा चलाता था। इस त्रासदी के बाद परिवार की स्थिति और भी दयनीय हो गई है।


पुल की समस्या और स्थानीय मांगें

सरपंच लालूराम ने बताया कि गांव के मवेशी नियमित रूप से सोम नदी के आसपास चरने के लिए जाते हैं। नदी पर एक पुल है, लेकिन वह गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर है। इस कारण ग्रामीणों को अक्सर नाव या ट्यूब के सहारे नदी पार करनी पड़ती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि वे कई बार प्रशासन से यहां पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यदि समय पर पुल का निर्माण हो गया होता तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी।


प्रशासनिक कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलने पर खेरवाड़ा उपखंड अधिकारी और पुलिस प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पंचनामा तैयार किया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।


सामुदायिक प्रतिक्रिया

इस दुखद घटना से पूरा गांव शोक में डूब गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल सुरक्षा उपायों की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि नदी पर उचित पुल होता और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होती तो यह त्रासदी नहीं होती।