जयपुर (कास)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय-बांसवाड़ा में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि भारतीय प्राचीन ज्ञान विश्व को आधुनिक दृष्टि प्रदान करने वाला है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी नई शिक्षा नीति के जरिए विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकास के साथ उनमें रचनात्मक गुण विकसित किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को विकसित राष्ट्र ही बनाने में महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसके जरिए फिर से देश विश्व गुरु बनेगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षक और शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि आचार्य वह है जो अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करे।
बागडे ने आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा-राजस्थान एवं शिक्षा संस्कृतिक उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय के राणा पूंजा सभागार में आयोजित" राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन में शिक्षक एवं शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका" विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में यह बात कही। राज्यपाल ने कहा कि नया, विकसित, सर्वश्रेष्ठ और विश्व गुरु भारत बनाने में नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण है। नई शिक्षा नीति को बनाने में कई राष्ट्रीय कार्यशाला शिक्षाविदों ने योगदान दिया है। नई शिक्षा नीति भारतीय परंपरा और संस्कृक्ति के अनुसार है। शिक्षा नीति सभी तक आसान पहुंच, गुणवत्ता, जवाबदेही जैसे प्रमुख स्तंभों पर विकसित की गई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक ज्ञान को अपने तक सीमित न रखें। इसे विद्यार्थियों तक पहुंचाए ताकि ज्ञानवान, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का निर्माण हो जो देश का नाम विश्व में रोशन करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी का आचरण अच्छा होना चाहिए।