कांग्रेस के सवाल पर थरूर की ठसक; कहा, और भी काम हैं!

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर थरूर का बयान बना विवाद की वजह, कांग्रेस में घमासान!

Pratahkal    29-May-2025
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कांग्रेस के सवाल पर थरूर की ठसक; कहा, और भी काम हैं! 
 
पनामा में दिए गए एक बयान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को पार्टी के भीतर ही विवादों के घेरे में ला दिया है। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई 'ऑपरेशन सिंदूर' को वैश्विक स्तर पर सफल बनाने के लिए भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे थरूर ने वहां क्रॉस-बॉर्डर सर्जिकल स्ट्राइक पर ऐसा बयान दे दिया, जिससे कांग्रेस पार्टी ही असहज हो गई।
 
शशि थरूर ने पनामा में एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रम में कहा कि “बीजेपी सरकार के दौरान पहली बार क्रॉस-बॉर्डर सर्जिकल स्ट्राइक की गई।” इस बयान ने तुरंत ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, क्योंकि इससे न सिर्फ बीजेपी समर्थकों को कांग्रेस पर कटाक्ष करने का मौका मिल गया, बल्कि खुद कांग्रेस पार्टी में भी अंदरूनी मतभेद सतह पर आ गए।
 
कांग्रेस की नाराज़गी और हाईकमान की चुप्पी :
 
थरूर के इस बयान को लेकर कांग्रेस हाईकमान बेहद नाराज़ बताया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, थरूर का यह बयान पार्टी लाइन के खिलाफ माना गया, खासकर तब जब कांग्रेस हमेशा से यह दावा करती रही है कि सर्जिकल स्ट्राइक और सीमापार कार्रवाई कांग्रेस शासन में भी होती रही हैं, लेकिन उनका प्रचार नहीं किया गया।
 
हालांकि, पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन वरिष्ठ नेता उदित राज ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की और शशि थरूर पर तीखा हमला बोला।
 
 
 
उदित राज का तंज – ‘बीजेपी के सुपर प्रवक्ता हैं थरूर’ :
 
कांग्रेस नेता उदित राज ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "शशि थरूर बीजेपी के सुपर प्रवक्ता बन गए हैं। जो बात बीजेपी नेता भी नहीं कहते, वो शशि थरूर कह रहे हैं।"
 
उदित राज का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि कांग्रेस के भीतर थरूर के बयान को लेकर मतभेद गंभीर होते जा रहे हैं। यह भी पहली बार नहीं है जब थरूर पार्टी लाइन से हटकर बयान देकर चर्चा में आए हों।
 

शशि थरूर की सफाई – ‘मेरे पास बेहतर काम हैं’ :
 
विवाद बढ़ने के बाद शशि थरूर ने भी मोर्चा संभाला और एक्स पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा, “मेरे पास आलोचकों के लिए समय नहीं है। मैंने केवल हाल के वर्षों में हुए आतंकवादी हमलों के जवाब में भारत द्वारा की गई कार्यवाहियों की बात की थी, न कि भारत के सैन्य इतिहास या युद्धों की।”
 
थरूर ने आगे लिखा, “पनामा में एक लंबे दिन के बाद मुझे आधी रात को बोगोटा (कोलंबिया) के लिए रवाना होना है। मेरे पास ट्रोल्स और कट्टरपंथियों की बातों के लिए वाकई समय नहीं है। जो मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश करना चाहते हैं, वो करते रहें। मेरे पास और भी बेहतर काम हैं।”
 
थरूर के इस जवाब को लेकर भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने उनके आत्मविश्वास की सराहना की तो कुछ ने उन्हें पार्टी अनुशासन की याद दिलाई।
 
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सरकार की रणनीति :
 
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है, जिसमें शशि थरूर समेत अन्य दलों के नेता शामिल हैं। इस अभियान का उद्देश्य वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर दोहरी नीति को उजागर करना और भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को न्यायोचित ठहराना है।
 
 बयान से बवाल तक :
 
शशि थरूर का पनामा में दिया गया बयान एक बार फिर इस बहस को जन्म दे गया है कि नेताओं को विदेशों में भारत की सैन्य कार्रवाइयों पर कितनी सावधानी से बोलना चाहिए। कांग्रेस के भीतर गहराती नाराजगी और विरोधी दलों के हमलों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी थरूर के बयान को किस तरह से संभालती है – क्या इसे निजी राय बताकर किनारा करेगी या सख्त संदेश देगी।
 
एक बात तय है – थरूर जहां एक ओर अपनी वैश्विक छवि के साथ मजबूती से खड़े हैं, वहीं कांग्रेस को अंदर से अपनी एकता और संदेश पर दोबारा मंथन करने की ज़रूरत है।