उदयपुर
शंकरलाल का कहना है कि रघुनाथपुरा में उसकी खुद की ज़मीन है, जिस पर मकान भी बना हुआ है और खेती भी की जा रही है। लेकिन 21 अप्रैल और 27 अप्रैल को दो व्यक्तियों — लोकेश पालीवाल (पुत्र रघुनाथ पालीवाल) और अर्जुनसिंह — के साथ करीब 40-50 लोगों का समूह अचानक जेसीबी लेकर आया और उसकी ज़मीन में घुसकर खेत की बाउंड्रीवॉल को तोड़ना शुरू कर दिया।
इतना ही नहीं, इन लोगों ने खेत में खड़ी फसल को भी तहस-नहस कर दिया, जिससे भारी नुकसान हुआ। जब शंकरलाल और उसके परिवार ने इसका विरोध किया, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। शंकरलाल के अनुसार, आरोपियों ने साफ कहा कि उन्होंने यह ज़मीन खरीद ली है और यदि पीड़ित परिवार ने ज़मीन नहीं छोड़ी, तो उन्हें जान से खत्म कर दिया जाएगा।
पीड़ित परिवार इस घटना से डरा और सहमा हुआ है। उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद सुखेर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोप गंभीर हैं और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकार से जुड़ा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह दबंगई और कानून को ताक पर रखकर खुलेआम ज़मीन कब्जाने की कोशिशें की जा रही हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और पीड़ित को न्याय दिलाने में कितनी प्रभावी साबित होती है।
ज़मीन विवाद की इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच भी दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, और सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आम नागरिक की ज़मीन अब सुरक्षित है?