भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने दिए संकेत, दडित होंगे ज्ञानदेव आहूजा बोले- जो गलत काम करेगा उसे सजा मिलेगी; उनका जवाब अनुशासन कमेटी को भेजा

Pratahkal    15-Apr-2025
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Jodhpur
जोधपुर (कास)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मंदिर में गंगाजल छिड़कने के विवाद में पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को दंडित किए जाने के संकेत दिए हैं। राठौड़ ने सोमवार को जोधपुर में इस मुद्दे पर पार्टी का मत स्पष्ट करते हुए कहा- भाजपा सदस्य बनने की पहली शर्त यही है कि मैं किसी भी तरह की अस्पृश्यता बदोश्त नहीं करूंगा। लिंग, जाति, धर्म का भेदभाव नहीं करूंगा। उन्होंने कहा- किसी व्यक्ति ने जो कुछ भी गलत काम किया, उस पर तत्काल कदम उठाया और निलंबित कर जवाब मांगा। जो जवाब आया उसे अनुशासन कमेटी को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा- जो गलत काम करेगा, उसे दंडित किया जाएगा, लेकिन उससे पहले प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
 
राठौड़ ने कहा- सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाता है
मदन राठौड़ ने कहा- जैसा कि कोई भी दल हो, किसी को भी दंडित करने से पहले सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाता है, उसके बाद निर्णय होता है। कानून में भी ऐसा ही होता है। मुझे लगता है... दंडित किया जाएगा, लेकिन मैं अध्यक्ष होने के नाते पहले ही कुछ कहूं, वो न्यायसंगत नहीं होगा। राठौड़ ने मामले में आहुजा के जवाब का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनका कहना था कि जाति को लेकर वे भेदभाव नहीं करते।
 
बाबा साहब के नाम का कांग्रेस करती आरही दुरुपयोग
राठौड़ ने कहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का पिछड़ों को आगे लाने में अहम योगदान रहा है। उनकी ही तरह पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया। उन दोनों का यही मत रहा कि समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति का भी भला हो। हमारे विरोधी सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए बाबासाहब के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं, वो उचित मनमर्जी नहीं है।
 
पुजारियों के हक भाजपा ने नहीं छीने
भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा मंदिर माफी की जमीन से पुजारियों के खातेदारी में नाम होने के बावजूद उन्हें बेदखल करने के सवाल पर राठौड़ ने कहा- मंदिर की संपत्ति ठाकुरजी की है। वो उनकी ही रहेगी। हमने कभी पुजारियों का हक नहीं छीना है। हालांकि, ऐसे पुजारी, जिनके नाम खातेदार के रूप में दर्ज थे, उनके नाम हटाने के सवाल को राठौड़ टाल गए।
 
वक्फ की संपत्ति का लाभअसली जरूरतमंद को मिलेगाः शेखावत 
केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा- देश में सर्वाधिक संपत्तियां वक्फ के पास है, लेकिन अब तक चुनिंदा लोग ही इसका फायदा उठा रहे थे। इसीलिए इस कानून में संशोधन करने की जरूरत पड़ी है। इससे असली जरूरतमंद तबके तक फायदा पहुंच पाएगा। वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग भी उसी समाज के लोगों पर किया जाएगा। इससे वो लोग जरूर बिंतित हैं, जो अब तक से उसका फायदा उठा रहे थे।
 
सनातन बोर्ड का गठन करने के सवाल पर शेखावत ने कहा अधिकांश मंदिरों का राज्य सरकारों के अधीन देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधन किया जाता है। दक्षिण भारत के अधिकांश मंदिरों का प्रबंधन न्यास के पास है। राज्य सरकारें अपने स्तर पर प्रबंधन कर रही है। ऐसे में उस पुराने कानून को छेड़ने का कोई औचित्य नजर नहीं आता।