Mehul Choksi की गिरफ्तारी में Modi का 'मास्टरस्ट्रोक'?

Pratahkal    14-Apr-2025
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Modi’s Masterstroke: Choksi Caught!
 
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 13,500 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी करने वाले भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। लंबे समय से फरार चल रहे चोकसी को सीबीआई और ईडी की अपील पर बेल्जियम पुलिस ने एक अस्पताल से गिरफ्तार किया है, जहां वह इलाज के लिए भर्ती था।
मेहुल चोकसी देश छोड़कर 2018 में फरार हो गया था, जब PNB घोटाले का खुलासा हुआ। वह सबसे पहले एंटीगुआ और बारबुडा भागा, फिर डोमिनिका पहुंचा, जहां अवैध प्रवेश के आरोप में उसे गिरफ्तार भी किया गया था। लेकिन भारत के पास इन देशों के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं थी, जिसके चलते उसे वापस लाना संभव नहीं हो पाया।
इस बार चोकसी गलती से एक ऐसे देश में पहुंच गया जहां भारत का 1901 से प्रत्यर्पण समझौता मौजूद है। यही वजह है कि बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद उसे भारत लाना कानूनी रूप से कहीं ज्यादा आसान माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि चोकसी स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था, लेकिन भारतीय एजेंसियों की सक्रियता और बेल्जियम प्रशासन की तत्परता के चलते वह पकड़ा गया।
 
क्या पीएम मोदी की कूटनीति लाई काम ?
 
रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में PM Narendra Modi और बेल्जियम के राजा फिलिप के बीच एक बातचीत हुई थी, जिसमें व्यापार और निवेश जैसे मुद्दों के साथ-साथ मेहुल चोकसी का मामला भी उठा था। माना जा रहा है कि इस टॉप-लेवल संवाद के बाद ही गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज हुई।
 
हीरा कारोबारी, 'गीतांजलि ग्रुप' का मालिक :
 
मेहुल चोकसी 'गीतांजलि ग्रुप' नामक हीरा कंपनी का मालिक है। उसने 2011 से PNB से फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए लोन लेना शुरू किया, लेकिन घोटाले का खुलासा 2018 में हुआ। चोकसी की कंपनियों का नेटवर्क बेल्जियम जैसे देशों में फैला हुआ था, और उसकी पत्नी के पास बेल्जियम की नागरिकता है। उसी के सहारे चोकसी ने वहां का एफ रेजीडेंसी कार्ड हासिल कर लिया था।
हालांकि चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन कानूनी दांव-पेंच अब भी बाकी हैं। वह बेल्जियम की अदालत में जमानत या प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील कर सकता है। जानकार मानते हैं कि भारत लाने की प्रक्रिया में अभी समय लग सकता है, लेकिन भारत के पास इस बार कानूनी और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर मजबूत आधार है।
 
नीरव मोदी पर भी चल रही प्रक्रिया :
 
चोकसी के भतीजे नीरव मोदी पर भी लंदन में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। अगर मेहुल चोकसी को भारत लाया जाता है, तो यह सीबीआई और ईडी के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जाएगी और इससे PNB घोटाले की जांच को नई रफ्तार मिल सकती है। अब सबकी निगाहें बेल्जियम की अदालत के फैसले और भारत की तेज़ कूटनीतिक कोशिशों पर टिकी हैं। क्या चोकसी कानून के शिकंजे से बच पाएगा या भारत में न्याय का सामना करेगा – इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।