आदिवासी संस्कृति संरक्षण के लिए मिलकर कार्य करें : हरिभाऊ बागडे

Pratahkal    30-Jan-2025
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जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन के सच्चे संरक्षक है। आदिवासी युवाओं को चाहिए कि वे अपने स्थानों की विशेषता से जुड़ी संस्कृति संरक्षण में योगदान दे। राज्यपाल बागडे 16 वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इसमें झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा राज्यों के विभिन्न जिलों के युवा सम्मिलित हुए है। राज्यपाल ने महाराणा प्रताप की वीरता को याद करते हुए कहा कि उनका इतना ओज था कि अकबर को सोते समय भी ऐसा लगता था जैसे उसके सिरहाने सांप बैठा है। उन्होंने आदिवासी वीरों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने प्रताप और दूसरे राजाओं को मुगलों से युद्ध में निरंतर मदद की। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय इतिहास के ऐसे प्रसंगों से प्रेरणा लेते हुए बौद्धिक क्षमता बढ़ाने का आह्वान किया। बागडे ने बिरसा मुंडा, गोविंद गुरु, कालीबाई आदि आदिवासी विभूतियों की चर्चा करते हुए जल, जंगल और जमीन बचाने के साथ ही आजादी आंदोलन में भी आदिवासियों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से आए आदिवासी युवाओं से संवाद करते हुए कौशल विकास से जुड़ने का आह्वान किया।