(प्रातःकाल संवाददाता) उदयपुर। स्वस्थान श्री रामानन्द सम्प्रदाय सिद्धपीठ श्री नृसिंह द्वारा मीठाराम जी मंदिर (Mitharam Ji Temple) में अखिल भारतीय संत समिति (All India Sant Committee) जिला शाखा उदयपुर (Udaipur) की बैठक हुई जिसमें तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) के प्रसाद (Prasad) में आपत्तिजनक पदार्थों की मिलावट पाए जाने पर आक्रोश प्रकट किया गया।
अध्यक्ष महंत विरमनाथ ने कहा कि प्रसाद कम मात्रा में व केवल दर्शनार्थियों के लिये ही बनाया जाना चाहिए बेचने के लिये नहीं। सचिव महंत रामचंद्रदास ने तिरूपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर आक्रोश जताया और कहा कि प्रसाद हेतु सामग्री की जाँच प्रयोगशाला में करा कर फिर उपयोग में लेना चाहिये। महंत हर्षिता दास ने बताया कि करोड़ों रुपए की आमदनी है वहां पर मंदिर मंडल द्वारा स्वयं की गोशाला स्थापित करनी चाहिए जिससे गोसेवा के साथ साथ लोगों को रोजगार मिलेगा और शुद्ध घी भी मंदिर में बन जाएगा। संत नौनिधि ने बताया जहां हजारों में घी बिकता है वहां रूपए में खरीद रहे तो शुद्धता कहां होगी। संत अचलाराम, बाबू महाराज ने भी विचार रखे। महंत रामलखन दास, महंत चेतन राम, महेंद्र महाराज, राकेश महाराज, संत भगवान दास, संत लक्ष्मण दास संत होमाराम, संत लक्ष्यवीर दास आदि संतों की बैठक में उपस्थिति रही।