जोधपुर (कासं)। राज्य उपभोक्ता आयोग (State Consumer Commission) ने बिना उचित कारण उपभोक्ता को विदेश यात्रा (foreign travel) करने से रोकने को सेवा में त्रुटि मानते हुए निजी एयरलाइंस पर 10 लाख रुपए का हर्जाना, ब्याज व टिकट की राशि देने के आदेश दिया। शास्त्रीनगर निवासी डॉ. सुरेंद्र माथुर व अन्य ने कोर्ट में परिवाद दिया कि अमरीका और मैक्सिको जाने के लिए ट्रैवल एजेंसी के जरिए 2.85 लाख रुपए देकर टिकट बुक कराए।
निर्धारित तिथि पर मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) पर बोर्डिंग (Boarding Pass) पास बन गए। इस बीच जानकारी मिली कि एयरलाइन (airline) के कर्मचारियों ने एक यात्री के पासपोर्ट (Passport) को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके चलते एयरलाइन ने विमान में बैठने की इजाजत नहीं दी और टिकट को कैंसिल कर दिया। इसके चलते परिवादी अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग नहीं ले पाया। लुफ्थांसा एयरलाइन कंपनी (Lufthansa Airline Company) की ओर से आपत्ति जताई कि आयोग को परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। पासपोर्ट रूल्स के अनुसार पासपोर्ट क्षतिग्रस्त होने पर प्लेन में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। दोनों पक्षों को सुनकर आयोग के सदस्य न्यायिक अतुलकुमार चटर्जी व सदस्य संजय टाक ने टिकट की राशि मय ब्याज व 10 लाख रुपए मानसिक हर्जाने व परिवाद पैठे पचास हजार रुपए दो माह में देने के आदेश दिए।