कार्यालय संवाददाता जयपुर। केंद्रीय मंत्री (Union Minister) गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) को संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी (Sanjeevani Credit Cooperative Society) मामले में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट (Court) से क्लीन चिट मिली है। दरअसल, संजीवनी घोटाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ ठोस सबूत नहीं है।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शेखावत पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाते रहे है। जबकि गजेंद्र सिंह शेखावत कहते रहे है कि घोटाले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। जस्टिस अरूण मोंगा की बेंच में सुनवाई हुई। एसओजी ने जांच के अनुसंधान में गजेंद्र सिंह शेखावत को अभी तक दोषी नहीं माना। कहा कि आज की स्थिति में शेखावत आरोपी नहीं है। जांच में किसी भी प्रकार का दोष नहीं साबित हुआ है। दरअसल, शेखावत की ओर से दायर याचिका में एफआईआर के साथ-साथ जांच को भी रद्द करने को लेकर मांग की गई थी। 17 सितंबर को जस्टिस अरूण मोंगा की बेंच ने मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए एसओजी को इस सवाल का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया कि क्या एसओजी गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का इरादा रखता है। मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की गई, जिसमें कहा गया कि गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और कंपनियों में निदेशक के रूप में उनके इस्तीफे के बाद किए गए कृत्यों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।