रक्षाबंधन पर्व पर वीरांगनाओं का सम्मान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को वीरांगनाओं ने बांधी राखी मैं आपका भाई, वीरांगना बहनों की हरसंभव मदद के लिए तत्परः शर्मा

Pratahkal    19-Aug-2024
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bhajanlal sharma 
 
जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के पावन पर्व पर रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश की वीरांगनाओं (brave women) ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) को कलाई पर रक्षासूत्र बांधा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शर्मा ने सभी वीरांगनाओं को शॉल, श्रीफल, मिठाई एवं सम्मानस्वरूप राशि भेंट कर शुभकामनाएं दी।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपका भाई हूं और वीरांगना बहनों की हरसंभव मदद के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रक्षाबंधन के पर्व पर वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए उनके द्वार पर पहुंची है। इसके तहत प्रदेशभर की लगभग 1 हजार 500 वीरांगनाओं को सम्मान स्वरूप रक्षाबंधन के अवसर पर 2100 रुपये, मिठाई, श्रीफल और शॉल प्रदान किए जा रहे हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी उपखण्ड स्तर पर प्रतिमाह नियमित रूप से वीरांगनाओं की समस्याओं की सुनवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
 
इस अवसर पर वीरांगना श्रीमती प्रगति माथुर पत्नी शहीद मेजर आलोक माथुर, श्रीमती श्रेया चौधरी पत्नी शहीद मेजर विकास भाम्भू, श्रीमती कृष्णा कंवर पत्नी शहीद राइफलमैन विक्रम सिंह, श्रीमती उषा शेखावत पत्नी शहीद नायक राजीव सिंह शेखावत, श्रीमती पिंकी देवी पत्नी शहीद हवलदार दाता राम, श्रीमती संतोष कंवर पत्नी शहीद नायक आनंद सिंह, श्रीमती मन्जू पत्नी शहीद नायक सांवरमल भामू, श्रीमती सम्पत कंवर पत्नी शहीद राइफलमैन प्रहलाद सिंह शेखावत, श्रीमती मरूधर कंवर पत्नी शहीद हवलदार नन्द सिंह, श्रीमती दरियाव कंवर पत्नी शहीद भंवर सिंह, श्रीमती विष्णु कंवर पत्नी शहीद किशन सिंह एवं श्रीमती निशा पत्नी शहीद कैप्टन प्रमोद लाल यादव ने मुख्यमंत्री को रक्षासूत्र बांधा।
 
वीरांगना श्रीमती निशा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रक्षाबंधन के अवसर पर वीरांगनाओं के सम्मान की ऐतिहासिक पहल की गई है।
 
श्रीमती मरुधर कंवर ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप ही हमारे भाई हैं। उन्होंने राज्य सरकार की इस पहल के लिए आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने सहृदयता के साथ सभी वीरांगनाओं से संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बुजुर्ग वीरांगना श्रीमती दरियाव कंवर के समीप स्वयं पहुंचकर रक्षासूत्र बंधवाया।