मुंबई। अब फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों (Food Manufacturing Companies) को डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों (packed food) पर बड़े और मोटे अक्षरों में बताना होगा कि उसमें चीनी (Sugur) , नमक (Salt) या सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat) की मात्रा कितनी है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India) (एफएसएसएआइ) (FSSAI) ने उपभोक्ताओं को पोषण संबंधी मूल्यों की सटीक जानकारी देने के लिए ये बदलाव किया है। फूड अथॉरिटी की 44वीं बैठक में इन नियमों को मंजूरी दी गई। शुगर और ब्लड प्रेशर जैसे मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच फूड नियामक का यह फैसला राहत देने वाला है, क्योंकि उपभोक्ताओं को आसानी से पता चल जाएगा कि जिस फूड प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें कितना शुगर और फैट है। इसके साथ ही एफएसएसएआइ ने भ्रामक दावों को रोकने के लिए फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (एफबीओ) को फलों के रस के लेबल और विज्ञापनों से ‘शत-प्रतिशत फलों का रस’ गेहूं के आटे पर परिष्कृत आटा, खाद्य वनस्पति तेल आदि के लिए पोषक तत्त्व संबंधी दावों को हटाने के निर्देश दिए हैं। नियामक ने यह भी कहा है कि यदि किसी जूस में स्वीटनर 15 ग्राम प्रति किलो से अधिक है तो उसको स्वीटेड जूस के रूप में लेबल किया जाएगा।