नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने खालिस्तानी (Khalistani) संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) (एसएफजे) पर लगाए गए प्रतिबंध को 5 और वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। यह प्रतिबंध पहली बार 2019 में लगाया गया था। भारत सरकार (Indian Government) ने एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया हुआ है। सरकार ने एसएफजे को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा मानते हुए यह कदम उठाया था। एसएफजे एक कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन है जो पंजाब (Panjab) में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देने की कोशिश करता रहा है।
एसएफजे पर प्रतिबंध जारी करने वाली गृह मंत्रालय की 2019 की अधिसूचना में कहा गया, सिखों के लिए तथाकथित जनमत संग्रह की आड़ में, एसएफजे वास्तव में पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। वह विदेशी धरती पर सुरक्षित ठिकानों से काम कर रहा है और अन्य देशों में विरोधी ताकतों द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित है। वर्तमान में, भारत में पन्नू और एसएफजे के खिलाफ लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं।