दलित नहीं थे रोहित वेमुला, मां ने बनवाया था फर्जी जाति प्रमाणपत्र

तेलंगाना पुलिस ने सभी आरोपियों को दी क्लीन चिट

Pratahkal    04-May-2024
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Rohit Vemula 
 
हैदराबाद (एजेंसी)। तेलंगाना (Telangana) पुलिस ने शुक्रवार को रोहित वेमुला (Rohit Vemula) आत्महत्या मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। रिपोर्ट में तत्कालीन सिकंदराबाद (Secunderabad) के सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंदर राव, कुलपति अप्पा राव, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेताओं और महिला एवं बाल विकास स्मृति ईरानी (Smriti Irani) मंत्री सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित ने आत्महत्या की क्योंकि वह कई कारणों से तनावग्रस्त था। कैंपस में उसकी राजनीतिक व्यस्तताओं के कारण शैक्षणिक मोर्चे पर उसका खराब प्रदर्शन भी एक कारण था।
 
इसके अलावा, उसकी मां द्वारा उसके लिए फर्जी अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाण पत्र की व्यवस्था करना भी तनाव का एक कारण था। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है, अगर मृतक की पढ़ाई देखी जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपनी पढ़ाई के बजाय कैंपस में छात्र राजनीतिक मुद्दों में अधिक शामिल था। उन्होंने अपनी पहली पीएचडी को 2 साल तक करने के बाद बंद कर दिया और वह दूसरी पीएचडी करने लगा, जिसमें भी गैर शैक्षणिक गतिविधियों के कारण ज्यादा प्रगति नहीं हुई।
 
रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित इस तथ्य से अवगत था कि उसकी मां ने उसके लिए एससी प्रमाणपत्र की व्यवस्था की थी और उसे चिंता थी कि अगर उसके साथियों को इसके बारे में पता चला तो उसकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया, इसके अलावा, मृतक को खुद पता था कि वह अनुसूचित जाति से नहीं है और उसकी मां ने उसे एससी प्रमाणपत्र दिलाया था। यह निरंतर भय में से एक हो सकता है क्योंकि इसके उजागर होने से उन्हें वर्षों से अर्जित अपनी शैक्षणिक डिग्रियां खोनी पड़ेंगी और मुकदमे का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस प्रकार, मृतक को कई मुद्दे परेशान कर रहे थे जो उसे आत्महत्या करने के लिए प्रेरित कर सकते थे। सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, यह स्थापित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला कि आरोपियों के कार्यों ने मृतक को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है।