जयपुर (कास)। नारायणा हॉस्पिटल (Narayana Hospital), जयपुर ने राजस्थान की पहली डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डी.बी.एस) सर्जरी सफलतापूर्वक की है, जो राज्य में मूवमेंट डिसऑर्डर के इलाज में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया द्वारा पार्किंसंस रोग, डिस्टोनिया और अन्य कंपन जैसी समस्याओं से जूझ रहे रोगियों को नई उम्मीद जगी है।
66 वर्षीय मरीज कृष्णा देवी पिछले छह वर्षों से क्रोनिक पार्किंसंस के लक्षणों से पीड़ित थी। अन्य समस्याओं के अलावा वह खाना खाने, लंबे समय तक बैठे रहने और चलने जैसे साधारण दैनिक कामों को भी करने में असमर्थ थी। उनके किसी रिश्तेदार ने न्यूरोलॉजिस्ट एवं मूवमेंट डिसऑर्डर विशेषज्ञ डॉ. वैभव माथुर के बारे में बताया जिनसे संपर्क में आने के बाद यह पाया गया कि मरीज क्रोनिक पार्किंसंस की समस्या से पीड़ित हैं जिसे डी.बी.एस सर्जरी करने के बाद काफी हद तक सही किया जा सकता है।
डी.बी.एस एक मिनिमली इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है जो मूवमेंट यानी गति को नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क के विशिष्ट भागों को टारगेट करती है।
इसमें एक छोटा पेसमेकर छाती में प्रत्यारोपित किया जाता है और इलेक्ट्रोड के माध्यम से उसकी इलेक्ट्रिक पल्स को दिमाग में भेजा जाता है, जो असामान्य गतिविधि को नियंत्रित करता है और कंपन एवं अन्य मूवमेंट डिसऑर्डर के लक्षणों को कम करता है।
डॉ. माथुर ने बताया कि रोगी में मूवमेंट डिसऑर्डर के क्रॉनिक लक्षण थे जिन्हें सहन कर पाना रोगी के लिए काफी दर्दनाक हो रहा था, इसलिए हमने इस इनोवेटिव प्रक्रिया का फैसला किया। को करने का फैसला वि और एक बार प्रत्यारोपण हो जाने के बाद हमने पेसमेकर को प्रोग्राम करना शुरू कर दिया और कुछ दिनों में ही अच्छे परिणाम दिखने लगे। यह अपनी तरह की पहली डी.बी.एस सर्जरी है जो 1998 के पहले से ही उपयोग में है। हालांकि, इस सर्जरी और उसके बाद की प्रोग्रामिंग के लिए राजस्थान के मरीजों को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और हैदराबाद की यात्रा करनी पड़ती थी। लेकिन उसी स्तर की विशेषज्ञता अब राजस्थान में भी उपलब्ध है जो पार्किंसंस रोग, डिस्टोनिया और कंपन के रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
डॉ. नितिन भाकल, कंसलटेंट न्यूरो सर्जरी, नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने कहा कि, हमें डी. बी.एस सर्जरी करने वाला राजस्थान का पहला हॉस्पिटल होने पर गर्व है।