पेट्रोल की खपत 12% बढ़कर 29.7 लाख टन पहुंची

Pratahkal    03-May-2024
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Petrol and Diesel Consumption Increased 
नई दिल्ली (एजेंसी)। पेट्रोल (Petrol) की खपत अप्रैल में 12.3 प्रतिशत बढ़कर 29.7 लाख टन रही। पिछले साल की समान अवधि में खपत 26.5 लाख टन थी। वहीं देश में व्यस्त चुनाव प्रचार के बावजूद डीजल की मांग 2.3 प्रतिशत घटकर 70 लाख टन रह गई। देश में सबसे अधिक खपत वाले ईंधन की मांग मार्च में 2.7 प्रतिशत गिर गई थी।
 
डीजल (Diesel) भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया 
जाने वाला प्रमुख ईंधन है। अप्रैल के दौरान पेट्रोल की खपत कोरोना प्रभावित अप्रैल, 2022 की तुलना में 15.3 प्रतिशत अधिक और 2020 के इसी महीने की तुलना में 56.5 प्रतिशत अधिक थी। अप्रैल 2022 की तुलना में डीजल की मांग 4.4 प्रतिशत और अप्रैल 2020 की तुलना में 22.1 प्रतिशत अधिक थी।
  
अप्रैल में एटीएफ की बिक्री साल-दर- साल सात प्रतिशत बढ़कर 6,56,700 टन हो गई। हालांकि मार्च के 6,70,100 टन की तुलना में 2% कम है। पेट्रोल और डीजल की तरह एटीएफ की मांग भी अब कोरोना पूर्व स्तर से ऊपर है। एटीएफ की खपत अप्रैल 2022 की तुलना में 27.2 प्रतिशत और अप्रैल 2020 की तुलना में 16.3 प्रतिशत अधिक थी। अप्रैल 2024 में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 20.45 लाख टन हो गई। एलपीजी की खपत अप्रैल 2022 की तुलना में 9% और अप्रैल 2020 की तुलना में 26.9% अधिक थी। आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च के दौरान एलपीजी की मांग 20.67 लाख टन खपत के मुकाबले 8.3 प्रतिशत कम रही। 
 

बिजली की खपत में 11% का उछाल

 
देश में बिजली की खपत अप्रैल में सालाना आधार पर करीब 11 प्रतिशत बढ़कर 144.25 अरब यूनिट रही है। मुख्य रूप से तापमान बढ़ने से बिजली खपत बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अप्रैल, 2023 में बिजली की खपत 130.08 अरब यूनिट थी। एक दिन में उच्चतम आपूर्ति (पीक पावर डिमांड) की बात करें तो अप्रैल, 2024 में यह बढ़कर 224.18 गीगावाट हो गई, जबकि अप्रैल 2023 में यह 215.88 गीगावाट थी। बिजली मंत्रालय ने गर्मियों के दौरान लगभग 260 गीगावाट की रिकार्ड मांग का अनुमान लगाया है।