ओबरी (प्रातःकाल संवाददाता)। तहसील क्षेत्र (Tehsil area) के डेचा गांव (Decha village) में लेपर्ड (leopard) के 3 शावकों ( cubs) को वन विभाग के पिंजरे में कैद कर दिया गया है। साथ ही मादा लेपर्ड (female leopard) के आसपास के जंगल में होने से लोगों में डर का माहौल है।
वहीं, वन विभाग की टीम शावकों के पिंजरे को खेतों में रखकर मादा लेपर्ड के आने का इंतजार कर रही है। ताकि उनका रेस्क्यू किया जा सके। सुरेश पंचाल ने बताया कि ओबरी के डेचा वन क्षेत्र में समय लेपर्ड के 3 शावकों को खेतों में देखा गया। जिन्हें देखने ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। लेकिन डर के कारण कोई नजदीक नहीं जा सका। सूचना पर वन विभाग (Forest department) की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने तीनों शावकों को रेस्क्यू कर पिंजरे में कैद कर दिया। तीनों शावक करीब 15 से 20 दिन के बताए जा रहे है। लेकिन शावकों के साथ ही मादा लेपर्ड के होने की आशंका जताई गई है।
जिस पर वन विभाग की टीम ने शावकों के साथ पिंजरे को खेतों में ही रख दिया है। इसके बाद से वन विभाग की टीम पिंजरे पर नजर रखकर बैठी रही। रात के समय पिंजरे को पत्तियों से ढक दिया गया था, जिससे रात के अंधेरे में लेपर्ड ने आकर बिखेर दिया। वहीं, वन विभाग की टीम खेतों के आसपास ही पिंजरे से दूर डटी हुई है। आंतरी वनाधिकारी यशपालसिंह ने बताया कि शावकों को दुध पिलाया गया है और मादा लेपर्ड के आसपास ही झाड़ियों में होने की संभावना है। इधर, ओबरी तहसीलदार मोहनलाल त्रिवेदी, गिरदावर नेपाल सिंह पंवार, डेचा पटवारी हर्षद पंचोरी, वनपाल नाका डेचा हरिओम सिंह राठौड, वनपाल हर्षवर्धन सिसोदिया, वनरक्षक आशा देवी, नाथूलाल परमार, चन्द्रवीर सिंह, नाथूराम रोत, रिया शर्मा, रमेश पाटीदार, हेमलता पाटीदार, टीना आहारी, उमिना रोत सहित वन विभाग की टीम मौजूद हैं।