'ईवीएम में मोदी का तो फोटो ही नहीं, वोट नहीं दूंगी'

अड़ी बुजुर्ग महिला; भावुक हो गए प्रधानमंत्री

Pratahkal    26-Apr-2024
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photo of Modi in EVM
 
नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) को लेकर दूसरे चरण (second phase) का मतदान 26 अप्रैल को होना है। दूसरे फेज में 88 लोकसभा सीटों के लिए 1206 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले 19 अप्रैल को डाले गए पहले चरण के मतदान में 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर लगभग 65.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
 
कहीं बड़े पैमाने पर मतदान हुआ तो कहीं वोटर्स मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 19 अप्रैल को हुई वोटिंग दौरान की एक रोचक घटना शेयर की है। मामला यूं है कि एक ग्रामीण महिला जब वोट देने बूथ पहुंची तो ईवीएम मशीन में मोदी की फोटो न पाकर हैरान रह गई। उसने बूथ अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि वह तो मोदी को ही वोट देगी। प्र.म. मोदी ने किस्सा तो बताया ही साथ ही पार्टी कार्यकर्ता को नसीहत भी दे दी।
 
घटना राजस्थान के सीकर के पिपरानी गांव में एक पोलिंग बूथ की बताई जा रही है। सीकर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। घटना के मुताबिक, सुबह 11 बजे एक स्कूल में बूथ पर मतदाताओं की काफी भीड़ थी। इस बीच कुछ ग्रामीण महिलाएं गीत गाते हुए बूथ पर मतदान के लिए पहुंचते हैं।
 
कुछ देर में मतदान केंद्र के अंदर से एक महिला का शोर सुनाई देता है। अंदर जाकर पता लगता है कि एक महिला ने वोट देने से ही इनकार कर दिया क्योंकि उसे ईवीएम मशीन में मोदी की फोटो नहीं दिखी।
 
बूथ अधिकारियों के समझाने पर मानी महिला
प्र.म. नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज द्वारा शेयर अखबार की कटिंग को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। खबर के अनुसार, महिला लगातार कह रही थी कि जब तक उसे मशीन में मोदी की फोटो नहीं दिखेगी वो वोट नहीं देगी। महिला को जब समझाया गया कि यहां मोदी की नहीं पार्टी का चुनाव चिह्न लगता है। इसके अलावा यह भी समझाया गया कि मोदी नहीं कोई और प्रत्याशी उनके क्षेत्र से चुनावी मैदान में है। तब जाकर महिला ने मतदान किया।
 
प्र.म. मोदी ने पार्टी कार्यकर्ता को दी नसीहत
पार्टी कार्यकर्ता द्वारा शेयर पोस्ट पर प्र.म. मोदी ने प्रतिक्रिया भी दी है। उन्होंने ङ्ग पर लिखा, माताओं-बहनों के इस स्नेह को देखकर मेरी आंखों में आंसू हैं, संकल्प भी है इस कर्ज को उतारने का। लेकिन लक्ष्मीकांत जी, यह हम कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि हम इन बारीकियों पर ध्यान दें। घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें।