अरूणाचल को लेकर जयशंकर ने चीन को खूब सुनाया

"आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा ?

Pratahkal    02-Apr-2024
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Jaishankar on Arunachal issue
 
Arunachal issue नई दिल्ली (एजेंसी)। चीन (China) ने अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के अलग-अलग हिस्सों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने बीजिंग (Beijing) की इस हरकत पर कड़ी फटकार लगाई है। चीन की ओर से इससे पहले भी अरूणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और काल्पनिक नाम रखने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा। साउथ गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स में बोलते हुए जयशंकर सोमवार ने कहा, अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा ? अरूणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और रहेगा।
 
नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र का नाम बदलने के बारे में विदेश मंत्री से सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, हमारी सेना वहां (वास्तविक नियंत्रण रेखा) तैनात है। दरअसल, सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में बदले गए भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की। चीन अरूणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है और दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में इस राज्य पर वेबसाइट पर क्षेत्र के लिए 30 अतिरिक्त नाम अपना दावा करता है। मंत्रालय की आधिकारिक पोस्ट किए गए। यह लिस्ट 1 मई से प्रभावी होगी।
 
2023 में 11 जगहों के नाम बदलने वाली आई लिस्ट
चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में 6 स्थानों के बदले गए नामों की पहली सूची 2017 में जारी की थी, जबकि 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी। इसके बाद 2023 में 11 स्थानों के नामों के साथ एक और लिस्ट जारी की गई थी। अरूणाचल प्रदेश पर दावों को लेकर चीन की हालिया बयानबाजी उस समय शुरू हुई, जब उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे को लेकर भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराया था। इस दौरे में मोदी ने अरूणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था। चीनी विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने क्षेत्र पर चीन का दावा पेश करते हुए कई बयान जारी किए थे।
 
यह कोई नया मुद्दा नहीं : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरूणाचल प्रदेश पर चीन की ओर से बार-बार किए जा रहे दावे को 23 मार्च को बेतुका करार दिया था। उन्होंने कहा कि यह सीमांत राज्य भारत का स्वाभाविक हिस्सा है। उन्होंने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के साउथ एशियन स्टडीज इंस्टीट्यूट में लेक्चर देते हुए यह बात कही। अरूणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, इसने अपने दावे को दोहराया है। ये दावे शुरू से बेतुके हैं और आज भी बेतुके ही हैं। मुझे लगता है कि हम इस पर बहुत स्पष्ट रहे हैं और हमारा एक समान रूख रहा है। मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि यह ऐसी चीज है, जो वर्तमान में जारी सीमा वार्ता का हिस्सा है।