वृंदावन में कृष्ण मंदिर होगा 70 मंजिला ऊंचा

> 8 करोड़ डॉलर से बन रहे मंदिर से भारतीय पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : इस्कान > इस्कान के शीर्ष पदाधिकारी बोले- मदिर हमेशा जर्जर स्थिति में नहीं रह सकते

Pratahkal    18-Apr-2024
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ISKCON
 
वाशिंगटन (एजेंसी)। इस्कान (ISKCON) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वृंदावन (Vrindavan) में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का गगनचुंबी मंदिर (Skyscraper Temple) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा और भारत में पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। 70 मंजिला वृंदावन हेरिटेज टावर (Vrindavan Heritage Tower) 210 मीटर ऊंचा होगा। इसे 8 करोड़ डालर की लागत से बनाया जा रहा है।
 
ग्लोबल हरे कृष्णा मूवमेंट के उपाध्यक्ष और इस्कान बेंगलुरू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंचलपति दास ने एक साक्षात्कार में कहा कि आध्यात्मिकता के लिए कोई टूटा - फूटा बुनियादी ढांचा नहीं हो सकता और मंदिर हमेशा जर्जर स्थिति में नहीं रह सकते। उन्होंने बताया, हमारे माननीय प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) (PM Narendra Modi) ने एक बयान में कहा है कि वह प्रवासी भारतीयों से एक आह्वान कर रहे हैं। कृपया अमेरिका से 5 अमेरिकियों को भारत लाएं और उन्हें भारत दिखाएं। निश्चित रूप से जो कोई भी दुनिया के किसी भी हिस्से से भारत आता है तो वह आध्यात्मिकता की तलाश में होता है।
 
दास ने निर्माणाधीन वृंदावन हेरिटेज टावर के बारे में कहा, जब वे भारत आएंगे तो निःसंदेह वे अच्छे हवाई अड्डे देख सकते हैं। वो सभी चीजें प्रभावशाली और दिलचस्प भी हैं और होनी भी चाहिए। वे आध्यात्मिकता की भी तलाश में होंगे। अब ऐसे में हमारे पास विदेशियों को भारत लाने और उन्हें दिखाने के लिए आध्यात्मिक बुनियादी ढांचा, धार्मिक बुनियादी ढांचा होना चाहिए, जिन पर आप गर्व कर सकें। जब आप उन्हें वृंदावन लाएंगे, तो आपको कृष्ण के संदेश पर निर्मित इस प्रकार का विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा निर्मित होना चाहिए और इसलिए यह एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है। दास ने कहा कि वृंदावन हेरिटेज टावर एक अष्टकोणीय संरचना है जिसमें चार मंदिर हैं। मंदिर परिसर में आवास सुविधाएं होंगी और तीन हजार कारों के लिए मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था होगी।
 
मौजूदा समय में वृंदावन में दो करोड़ लोग आते हैं। उप्र सरकार के पर्यटन विभाग का कहना है कि अगले छह से दस सालों में आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या पांच गुना बढ़ कर 10 करोड़ हो जाएगी। जल्द ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं कि 2 लाख लोगों की प्रतिदिन व्यवस्था होगी और त्यौहारों पर तादाद बढ़ने पर भी आयोजन हो सकेंगे।