बंगाल में चुनावी माहौल में 'मछली' बनी बड़ा मुद्दा

प्र.म. मोदी के बयान को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश में तृणमूल

Pratahkal    18-Apr-2024
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mamta 
                                        ममता बनर्जी ने कहा- भाजपा को मछली खाने पर भी है आपत्ति

कोलकाता (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के 'मछली' (Fish) वाले बयान को लेकर बंगाल (Bengal) में चुनावी माहौल (election environment) एकाएक गरमा गया है। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) को मानों एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। वह इसे बंगालियों की भावनाओं से जोड़ने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से लेकर तमाम नेता इसे लेकर भाजपा (BJP) को घेरने में जुट गए हैं। उत्तर बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहीं ममता ने कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि किसी के मछली खाने पर भी भाजपा को आपत्ति है। वह लोगों के खानपान को भी नियंत्रित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा अगर फिर से केंद्र की सत्ता में आ गई तो लोग दिन और रात के भोजन में क्या खाएंगे, वह ही तय करेगी। वहीं अभिषेक ने कहा कि प्रधानमंत्री को शायद इसकी जानकारी नहीं है कि बंगाल के घरों में होने वाले कुछ धार्मिक अनुष्ठान मछली मांस के बिना अधूरे हैं। अभिषेक ने सवाल दागा कि कि राजनीतिक दलों को धर्म के नाम पर वोट मांगना चाहिए या कर्म के नाम पर? तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अभिषेक के चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हेलीकाप्टर की तलाशी पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी क्या उसमें 'फिश सैंडविच' तलाश रहे थे? बंगाल की महिला व बाल विकास मंत्री डा शशि पांजा ने कहा- यही कारण है कि हम भाजपा को बहिरागतों (बाहरी लोगों) की पार्टी कहते हैं। बंगालियों को जो प्रिय हैं, वे उनकी उपेक्षा करते हैं।
 
बंगाल में मछली का महत्व
 
कोलकाता (Kolkata) स्थित अलीपुर जेल म्यूजियम के निदेशक व इतिहासकार जयंत सेनगुप्ता ने कहा- खानपान क्षेत्र विशेष की जलवायु व स्थलाकृति पर निर्भर करता है। बंगाल में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भी मछली महत्वपूर्ण है। इसे काफी शुभ माना जाता है और विवाह के समय तत्व के रूप में दिया जाता है। कुछ पूजा में मछली का भोग लगाया जाता है।
 
लोगों को गुमराह कर रही तृणमूल :
 
भाजपा के रास सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने कहा-तृणमूल लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। प्र.म. मोदी के कहने का तात्पर्य यह था कि नवरात्र के समय बहुत से लोग मांसाहारी भोजन नहीं करते हैं। हम मछली खाने के विरूद्ध नहीं है।