आचार्य महाश्रमण का पुणे की धरा पर पदार्पण

Pratahkal    29-Mar-2024
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पुणे । आचार्य महाश्रमण (Acharya Mahashraman) का गुरुवार को पुणे (Pune) की धरा पर पदार्पण हुआ। उनका पुणे की धरा पर प्रथम बार आगमन हुआ। इससे पूर्व आचार्य तुलसी का पुणे में पदार्पण हुआ था। आचार्यश्री एवं साथ में साधु–साध्वियों के आगमन से पुणे वासियों में उत्साह का माहौल है।
 
गुरुवार प्रातः आचार्यश्री ने श्रीस्वामी समर्थ विद्यालय से विहार किया। मार्ग में श्रद्धालुओं के आग्रह पर जैन स्थानक एवं भगवान संभवनाथ मंदिर जैन उपाश्रय में भी गये। 10 किमी विहार कर आचार्यश्री खड़की पहुँचे, जहां जीएम ईरानी स्कूल में प्रांगण में प्रवचन कार्यक्रम हुआ।
 
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि हमारे जीवन में शरीर और आत्मा दो तत्त्व हैं। इन दोनों के योग से जीवन चलता है। इसके साथ वाणी, मन, बुद्धि आदि अनेक चीजें भी हैं। मानव की प्रवृत्ति के तीन साधन शरीर, वाणी और मन हैं। शरीर से आदमी चलना, बोलना, खाना, पीना, उठना, बैठना आदि-आदि कार्य करता है। वाणी से आदमी आदमी बोलता है और मन से चिंतन, स्मृति और कल्पना करता है। शरीर से आदमी चलता है और मन से भी कितना चलता है। मन चंचल होता है। मन एक ऐसा तत्त्व है, जिसके कारण से दुःख भी प्राप्त हो जाता है और मन से आदमी सुखी भी बन सकता है। इस प्रकार आदमी के सुखी और दुःखी बनने में मन ही कारण होता है। मन में प्रमाद है तो दुःख बढ़ जाते हैं तथा मन वश में रहता है तो दुःख नष्ट भी हो जाते हैं। चंचलता और कषाय मन के दोष हैं। आदमी को इन दोनों कमियों को जितना कम किया जाए, वह आत्म उत्थान की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो सकता है और आदमी भीतरी शांति को भी प्राप्त कर सकता है।
 
जितना चिंतन नहीं करना चाहिए, उससे भी ज्यादा चिंतन मन में आ जाता है तो मन की चंचलता होती है। इससे भी बुरी बात कषाय अर्थात् मन की मलिनता। मन में राग-द्वेष, घृणा, मान, माया, अहंकार व गुस्सा आदि रहते हैं, वह बहुत बुरी बात होती है। आदमी को मन की चंचलता को कम करने और मन को निर्मल बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए आदमी को अपने मन रूपी अश्व को ज्ञान से नियंत्रित करने का प्रयास हो। ध्यान, योग, साधना भी मन की चंचलता को कम करने और उसकी निर्मलता को बढ़ाने का अच्छा माध्यम है। आदमी को मन सुमन बनाने का प्रयास करना चाहिए। ध्यान, योग, अध्यात्म व सामायिक के माध्यम से मन को स्थिर रखने और निर्मल बनाने का प्रयास किया जा सकता है।