राज्य सरकार की उदासीनता ने बढ़ाई

लाखों पगड़ी किरायेदारों की चिंता

Pratahkal    28-Mar-2024
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मुंबई। प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन (Property Owners Association) के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मामले में राज्य सरकार (State Government) की कानूनी उदासीनता के चलते लाखों पगडी किरायेदारों (Pagdi tenants) के हकों पर खतरे की तलवार लटक रही है। इस कानूनी मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अप्रैल के मध्य में होने जा रही है। चूंकि इस मामले में सरकार हस्तक्षेप करने में विफल रही है, लिहाजा महाराष्ट्र रेंट कंट्रोल एक्ट के निष्प्रभावी होने का खतरा मंडरा रहा है। यह एक्ट पगडी किरायेदारों को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। इस एक्ट के निष्प्रभावी होने के बाद जमीन मालिकों को पगड़ी किरायेदारों को बेदखल करने या फिर बाजार दर पर किराया वसूलने का अधिकार मिल जायेगा।
 
जाहिर है, इतने अहम मसले पर पगड़ी किरायेदार अपने हितों के संरक्षण के लिये राज्य सरकार का मुंह देख रहे हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार इस मसले पर बिलकुल दिलचस्पी लेती नजर नहीं आ रही है। राज्य सरकार को अपनी इन्हीं चिंताओं से अवगत कराने और राज्य भर के पगडी टेनेंट्स पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के बारे में पगडी टेनेंट्स एक्शन कमिटी (पीटीएसी) ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात कर चर्चा की।
 
नार्वेकर के मुताबिक, पगड़ी टेनेंट्स अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले को लेकर चिंतित है। इस मामले में राज्य सरकार भी एक पक्ष है। नार्वेकर के मुताबिक उन्होंने पगड़ी टेनेंट्स एसोसिएशन को भरोसा दिया है कि सरकार पूरी तरह से इस एक्ट के समर्थन में खड़ी रहेगी और पगड़ी टेनेंट्स के हितों का पूरा खयाल रखा जायेगा। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि रेंट कंट्रोल एक्ट बरकरार रहे।
गौरतलब है कि राज्य में जमीनमालिक पगड़ी किरायेदारों से बाजार दर पर किराया नहीं वसूल सकते। राज्य सरकार इस पर अपना नियंत्रण रखती है। रेंट कंट्रोल एक्ट के जरिये किराये की दरें नियंत्रित रहती है। जबकि जमीन मालिकों के मुताबिक, उन्हें अपनी संपत्ति पर बाजार दर पर किराया वसूलने का संवैधानिक अधिकार है। इसी के चलते जमीन मालिकों के संगठन प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन ने रेंट कंट्रोल एक्ट को कानूनी चुनौती दी है। इसके साथ ही म्हाडा के संबंधित कानून को भी चुनौती दी गई है। अब यह मामला इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में अभी तक अपना पक्ष दाखिल नहीं किया है। पक्ष प्रस्तुत करने की समय 4 दिसंबर 2023 थी। राज्य सरकार की यही उदासीनता राज्य के लाखों पगड़ी किरायेदारों के लिये चिंता और आशंका का सबब बनी हुई है।
 
पगड़ी टेनेंट्स एसोसिएशन (पीटीए) की ओर से वकील प्रेरक चौधरी के मुताबिक, राज्य में 30 लाख से ज्यादा लोग रेंट कंट्रोल कानून से सीधे प्रभावित हैं और इनमें से अधिकांश ने पगड़ी अदा की है। दूसरी तरफ जमीन मालिक हैं जो इन पगड़ी किरायेदारों के अधिकारों और हितों को तवज्जो देने को तैयार नहीं हैं। राज्य सरकार भी इसमें एक पक्ष है और पूरी उम्मीद है कि राज्य सरकार पगड़ी किरायेदारों के पक्ष में पुरी मजबूती और मुस्तैदी से खड़ी रहेगी। यह लाखों परिवारों के भविष्य का सवाल है और इसमें कोई भी कोताही या प्रतिकूलता एक बड़ी खलबली पैदा कर देगी।