जूनियर कॉलेज तक मराठी भाषा की पढ़ाई होगी अनिवार्य

Pratahkal    27-Mar-2024
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मुंबई। मराठी भाषा (Marathi language) की नई मंजूर नीति के तहत पेश सिफारिशों के अनुसार राज्य सरकार राज्य में जूनियर कॉलेज (junior college) स्तर (कक्षा 11 और 12) में मराठी भाषा विषय को अनिवार्य करने का निर्णय ले सकती है। राज्य सरकार इस बाबत पेश सिफारिशों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
 
सिफारिश के अनुसार, स्कूल में पढ़ाई का माध्यम चाहे जो हो, लेकिन प्री-स्कूल में बच्चों को मराठी भाषा पत्रों की जानकारी और पढ़ाई शामिल करनी चाहिये। इसी तरह विश्वविद्यालय स्तर पर मराठी भाषा को अनिवार्य विषय के तौर पर लागू करना चाहिये।
गौरतलब है कि इस माह के आरंभ में, राज्य सरकार ने मराठी भाषा नीति लागू की है जिसका उद्देश्य मराठी भाषा के स्तर और स्थिति को बेहतर करना है। साथ ही मराठी भाषा को सरंक्षित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह नीति लागू की गई है। इस नीति के तहत अगले 25 सालों के लिये उन तमाम क्षेत्रों के बारे में कई सिफारिशें की गई हैं जहां मराठी भाषा के प्रयोग के जरिये मराठी को प्रोत्साहित और सशक्त किया जा सकता है। इन सिफारिशों के तहत शिक्षा, उद्योग, प्रशासन और विधि समेत समस्त क्षेत्रों में मराठी भाषा के प्रयोग को प्राथमिकता और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
 
नीति के अनुसार मराठी भाषा में शिक्षा तो उद्देश्य है ही, लेकिन चूंकि आज के दौर में अंग्रेजी भाषा का महत्व भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके चलते अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की तादाद और मांग भी बढ़ी है। अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षा को वरीयता दे रहे हैं। लिहाजा महाराष्ट्र में अंग्रेजी तथा अन्य सभी भाषा के स्कूलों में कक्षा 1से 10 तक मराठी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाई में शामिल करने की जरूरत और उद्देश्य के चलते यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सभी मराठी माध्यम स्कूलों में भी कक्षा एक से ही अंग्रेजी भी पढ़ाई जायेगी। गैर-मराठी माध्यम के स्कूली बच्चों की मराठी भाषा की कठिनाई को कम करने के लिये सिफारिश की गई है कि बालभारती विभिन्न स्तर पर पाठ्यपुस्तकें तैयार करें।