उदयपुर। राजतिलक के बाद से ही मेवाड़ राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ ने एकलिंगजी मंदिर में जाकर दर्शन किए। इस दौरान मेवाड़ ने रास्ते में कई धार्मिक स्थानों पर दर्शन किए। विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मेवाड़ के आस-पास के ठिकानेंदारों का शोक भंग करवाते हुए पाग बदलाई की परम्परा को निभाया। समोर बाग में दिनभर इस बात को लेकर राजपूत समाज के लोग बैठे रहे कि प्रशासन आखिर शाम को धुणी दर्शन को लेकर क्या निर्णय लेता है और यदि धुणी दर्शन नहीं करवाया जाता तो राजपूत समाज आगे गे की रणनीति तय करने वाले थे पर प्रशासन के हस्तक्षेप से विवाद समाप्त हो गया। समोर बाग में सुबह से ही राजपुत समाज के मौतबीरों का और अन्य समाज के मौतबीरों आना शुरू हो गया था। सुबह करीब 10 बजे समोर बाग में सैंकड़ों की संख्या में सर्व समाज के लोग एकत्रित हो गए थे। इस दौरान समोर बाग में अशोक सिंह मेतवाला और बालू सिंह कानावत ने मौके पर आए सभी को स्पष्ट रूप से कह दिया कि एकलिंगजी दर्शन के लिए काफिला ना जाकर मात्र पांच गाड़िया ही जाएंगी। इसके पीछे वहां के संकरे रोड और लगने वाले जाम का हवाला दिया।इसके साथ ही तय किया कि विश्वराज सिंह मेवाड़ के दर्शन कर पुनः आने तक सभी समोर बाग में ही रूके रहेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।
समोर बाग में अश्व पूजन करने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ शोक की सफेद पाग पहने एकलिंगजी दर्शन के लिए रवाना हुए। इस दौरान उनके पीछे पांच की जगह करीब 30 से 40 गाड़ियां भी एकलिंगजी दर्शन के लिए रवाना हुई। रास्ते में एकलिंगजी से कुछ पहले मेवाड़ ने हरा पूजन किया गया, जिसमें हरे पेड़ की पूजा की गई। वहां से एकलिंगजी तालाब के पास एक स्थान पर पूजा की गई और विश्वराज सिंह मेवाड़ पैदल-पैदल गांव से होते हुए एकलिंगजी मंदिर के लिए रवाना हुए। चीरवा गांव में ग्रामवासियों ने ढोल नगाड़ों से विश्वराज सिंह मेवाड़ का स्वागत किया और पैदल-पैदल रास्ते में विभिन्न मंदिरों में पूजा करते हुए मंदिर की ओर चल रहे थे। उनके साथ-साथ सैंकड़ों की संख्या में उनके समर्थक भी पैदल चल रहे थे। एकलिंगजी मंदिर के बाहर देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ सैंकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। उदयपुर एसपी योगेश गोयल, एएसपी मजीत सिंह और बृजेश सोनी भी भारी जाब्ते के साथ मौजूद रहे। मंदिर के बाहर चौक में सभी को रोक दिया गया और मंदिर परिसर में विश्वराज सिंह मेवाड़ केसाथ देवव्रत सिंह सलूम्बर, महेशप्रताप सिंह कोठारिया, रणधीर सिंह भीण्डर, जयवर्द्धन सिंह आमेट, वीरमदेव सिंह कृष्णवत, यदुवीर सिंह कृष्णावत गए। मंदिर में विश्वराज सिंह हने पूजा-अर्चना की और वहां पर ट्रस्ट की ओर से हनुवंत सिंह बोहेड़ा ने सारी औपचारिकताएं पूरी की। मंदिर में दर्शन के बाद मेवाड़ को तलवार भेंटकर, उनकी शोक की सफेद बदलकर रंग की पाग पहनाई।
मंदिर में दर्शन के बाद एकलिंगजी मंदिर के पास में ही स्थित बाण माता मंदिर में जाकर विश्वराज सिंह मेवाड़ ने दर्शन किए और वहां पर पूजा करने के बाद मेवाड़ पुलिस जाब्ते के साथ उदयपुर के लिए रवाना हुए। हाथीपोल दरवाजे में एक स्थान पर पूजा की और वहां से सीधा समोर बाग आए। यहां पर उन्होंने आसपास के ठिकानेदारों की रंग की पाग दी, जिसे रंग बदलाई कहा जाता है, जिससे अन्य ठिकानेदारों का भी शोक भंग होता है। इसके बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने समोर बाग में आए लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेवाड़ के लोग गलत के विरोध में पूरी क्षमता के साथ खड़े है, जो खुशी की बात है। साथ ही कहा कि किसी भी गलत का शांतिपूर्ण तरीके से पुरजोर विरोध किया जाए तो सामने वाले को उस बात को मानना पड़ता है और मेवाड़ के लोगों ने ऐसा किया तो सभी को मानना पड़ा। साथ ही मेवाड़ ने सभी से कहा कि आगे की जो भी रणनीति बनाई जाएगी उनमें किसी तरह से कानून को हाथ में नहीं लेना है। इसके बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ अपने निवास में चले गए और बाहर मौजूद सर्व समाज ने आगे की रणनीति बनानी शुरू कर दी।