राष्ट्रीयकृत बैंक में भी नकली सोने का घपला !

फर्ज कर्ज रैकेट में 1.78 करोड़ रुपये की ठगी, एक गिरफ्तार

Pratahkal    08-Oct-2024
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Fake gold scam
 
Fake gold scam मुंबई। राष्ट्रीयकृत बैंक (nationalized banks) में गोल्ड लोन के वैल्युएशन के लिये नियुक्त चार कर्जदाताओं ने 12 खाताधारकों से सांठगांठ कर नकली गोल्ड पर कर्ज के जरिये बैंक से 1 करोड़ 78 लाख रुपये की ठगी और धोखाधड़ी किये जाने का मामला सामने आया है। इस घपले में योजना के तहत नकली सोना गिरवी रखकर कर्ज मंजूर करने के लिए कर्जदाताओं द्वारा इसे गलत तरीके से असली प्रमाणित किया गया। गोरेगांव पुलिस ने अब तक एक खाताधारक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि पश्चिमी उपनगरों के कई दंपत्ति इस रैकेट में शामिल हैं।
 
छह महीने की तलाश के बाद गोरेगांव पुलिस ने एक मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान नरेंद्र यशवंत गोसावी के रूप में हुई है, जिसने बैंक द्वारा नियुक्त चार वैल्यूअर्स के साथ मिलकर 11 अन्य खाताधारकों को 29 बार गोल्ड लोन दिलवाया और बैंक से 1.78 करोड़ से अधिक की रकम हड़प ली।
 
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी गोल्ड वैल्यूअर्स की पहचान वीरा कुसोजी ब्रह्मचारी, सुनील शुक्ला, के नागराज और सुभाष सिंगवी के रूप में की गई है। गोसावी के साथ मिलकर इन्होंने 12 खाताधारकों को कर्ज सुविधा प्रदान की थी। यह धोखाधड़ी मई 2023 और मार्च 2024 के बीच बैंक द्वारा शुरू की गई गोल्ड लोन योजना से शुरू हुई थी। बैंक मैनेजर ने बताया कि गोल्ड वैल्यूअर्स ने लोन सुरक्षित करने के लिए नकली सोने के आभूषणों को असली के रूप में प्रमाणित किया। जुलाई 2021 से अप्रैल 2023 के बीच, 12 खाताधारकों को कुल 1.78 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन मिला, जिसे 29 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
 
विशेष ऑडिट में पता चला कि खाताधारकों द्वारा जमा किया गया सोना नकली था। आभूषण नकली होने की जानकारी होने के बावजूद वैल्यूअर्स ने कर्ज मंजूर कर दिया था। इस खुलासे के बाद बैंक मैनेजर ने गोरेगांव पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। गोरेगांव पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी के अनुसार, बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। नकली सोने का इस्तेमाल करके लोन लेने की बात स्वीकार करने वाले गोसावी को पिछले हफ़्ते गिरफ़्तार किया गया था। गोसावी को कोर्ट में पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि आगे और भी गिरफ़्तारियाँ होने की संभावना है।