उदयपुर : जिले के लसाड़िया थाना क्षेत्र में सोमवार देर शाम को शोभाजी का गुडा ग्राम पंचायत के वेला फला में सोमवार देर शाम को मवेशी चरा रहे अधेड़ पर पेंथर ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। उधर गांव में पेंथर की हलचल से वन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में पेंथर को पकड़न के लिये पिंजरे लगाए है।
जानकारी के अनुसार शोभाजी का गुडा ग्राम पंचायत के वेलाफला में सोमवार देर शाम को मामादेव वाला निवासी लखमा (45) पुत्र माना मीणा मवेशियों को पानी पीलाकर घर लौटते समय झाड़ी में छिप कर बैठे पेंथर ने उस पर हमला कर दिया। गर्दन पर किए हमले से लखमा गंभीर घायल हो गया। अचानक पेंथर के आने से मवेशी भड़क गये जिससे पेंथर घबराकर भाग गया। इस बीच पता लगने पर परिजन वहां पहुंच गये और उसे गम्भीर घायलावस्था में कानोड़ सीएचसी ले जाते रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। अस्पताल में चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। पेंथर के हमले की सूचना पर वन नाका कूण से सहायक वनपाल बाबूलाल शर्मा, मिठुलाल भोई, शोभाजी का गुडा सरपंच शंकरलाल मीणा, बलीचा सरपंच श्रवण कुमार मीणा सहित ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सुबह वन विभाग प्रतापगढ़ से डीएफओ सुनिल कुमार, लसाड़िया उपखण्ड अधिकारी कपिल कुमार कोठारी, वल्लभनगर पुलिस उप अधीक्षक रविन्द्र प्रताप सिंह, कानोड थानाधिकारी मनीष खोईवाल, भाजपा प्रदेश मंत्री कन्हैयालाल मीणा, उप प्रधान धनराज पटेल, मण्डल अध्यक्ष विक्रम सिंह झाला, लसाड़िया के क्षेत्रीय वन अधिकारी शांतिलाल खटीक और द्वितीय अधिकारी रामलाल भील, वनपाल सोनम मीणा, उदयपुर से रेस्क्यू टीम वनपाल लाल सिंह पंवार, शूटर डीपी शर्मा, सहायक वनपाल जितेन्द्र सिंह, कानोड़ के नायब तहसीलदार मोबिन खान, लसाड़िया के राजस्व अधिकारी सरदार सिंह, पटवारी सूरजकरण मीणा, भाजपा मण्डल संयोजक विक्रम सिंह झाला, कानोड व आसपास के थानों का पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। वन अधिकारी द्वारा पीड़ित परिवार को शीघ्र ही राज्य सरकार की ओर से मुआवज दिलाने का आश्वासन दिया। तत्पश्चात ग्रामीण शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए । लसाड़िया उपखण्ड अधिकारी कपिल कोठारी ने राज्य सरकार की ओर से सहायता दिलाने के लिये संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिये कि शीघ्र ही कागजी कार्यवाही पूरी कर सरकार को प्रस्ताव भेजे ताकि पीड़ित परिवार को जल्द जल्द मुआवजा दिलाया जा सके। उधर वन विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना कर दो पिंजरे लगाए। पिंजरे में बकरा भी बांधा गया। वहीं वन अधिकारियों, उपखण्ड अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की। गांव में पेंथर के मूवमेंट को देखते हुए अकेले नहीं निकलने की बात की। पेंथर के पिंजरे में नहीं पकडे जाने तक सावधानी बरतने को कहा गया ।