कार्यालय संवाददाता जयपुर । केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली (Delhi) स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। राउज एवेन्यु कोर्ट इस मामले में आगामी 24 जून को फैसला सुनाएगा। राउज एवेन्यु कोर्ट तय करेगा कि गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समन जारी किया जाए या नहीं।
मंत्री शेखावत के वकील ने कहा कि अदालत ने मामले की जांच का निर्देश दिया था। जांच में यह संकेत मिले हैं कि गहलोत की ओर से लागये गए आरोप झूठे हैं। शेखावत के वकील ने कहा कि गहलोत मुख्यमंत्री हैं। वे लंबित जांच के बारे में बोल रहे हैं। सवाल यह है कि जांच पर किसका कंट्रोल है। सीआरपीसी में किसी मुख्यमंत्री के रोल के बारे में नहीं बताया गया है। वे चार्जशीट को अपने पास नहीं मंगा सकते हैं। चार्जशीट की कॉपी सीधे कोर्ट जाती है।
- जांच में किसी का कोई रोल नहीं होता
उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) के नियम के अनुसार राजस्थान पुलिस के अलावा जांच में किसी का कोई रोल नहीं होता। यहां तक कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय तक का भी नहीं होता है। गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री इस तरह से लंबित जांच के बारे में कोई खुलासा नहीं कर सकते हैं। उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर राजस्थान (Rajasthan) में लंबे समय से राजनीति गरमाई हुई है। सीएम अशोक गहलोत जहां जोधपुर (Jodhpur) के सरदारपुरा विधानसभा (Sardarpura Assembly) क्षेत्र से विधायक हैं। वहीं गजेन्द्र सिंह शेखावत जोधपुर से लगातार दूसरी बार सांसद हैं। शेखावत ने बीते लोकसभा चुनावों में गहलोत बेटे वैभव गहलोत को हराया था। उसके बाद से दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार चल रहा है।