जोधपुर : यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) भैंस परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया गया। जोधपुर (Jodhapur) और मारवाड़ (Marwar) के कई होनहार इसमें सफलता प्राप्त कर चुके हैं। जोधपुर जिले के नोखड़ा गांव के रहने वाले जयंत आसिया (Jayant Asiya) ने 388वी रैंक (388th rank) हासिल की है। जबकि जोधपुर मूल के ही अरटिया कला गांव के रहने वाले लोकेश चौधरी (Lokesh Chowdhary) ने 669 वी रैंक (669th rank) हासिल की है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (University) में रिटायर्ड प्रोफेसर अरविंद परिहार के पुत्र अभिषेक ने 906वीं रैंक हासिल की है।
पहले ही प्रयास में सफलता :
जयंत के पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और उनकी माता ग्रहणी है। उन्होंने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की है। उनके परिवार में सभी शिक्षा से जुड़े हुए हैं। बड़ा भाई भी सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। उन्होंने परिवार से अलग रहकर जयपुर और जोधपुर में तैयारी की। वे फिलहाल छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आईबी इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। उनके चयन की खबर मिलते ही गांव में खुशी की लहर छा गई लोगों ने फूल मालाओं से लाद दिया और कंधे पर बैठाकर गांव में घुमाया।
पेशे से डॉक्टर, खुद पढ़ाई कर पाया मुकाम :
लोकेश माचरा चौधरी पेशे से पीडियाट्रिशियन (Pediatrician) है। फिलहाल गुड़गांव में एक मेडिकल फर्म में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी डॉक्टरी मदुरई और बीकानेर से पूरी की। इसके बाद लगातार वे आईएएस के लिए परीक्षाएं देते रहे। इस बार चौथे अटेम्प्ट में उनको 660 रैंक मिली है। वे मूल रूप से भोपालगढ़ क्षेत्र के अरटिया कला गांव के रहने वाले हैं। पिछले कई सालों से उनकी जहां भी नौकरी और पोस्टिंग रही उन्होंने अपने साथ तैयारी को नहीं छोड़ा।
घर में पढ़ाई का माहौल तो खुद ही तैयारी में जुटे :
जैसलमेर के धायसर गांव के निवासी अभिषेक परिहार मेघवाल ने 906 रैंक हासिल की है। अभिषेक के पिता प्रोफेसर अरविंद परिहार जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से सेवानिवृत्त है। उनका एक भाई हालही में कंप्यूटर अनुदेशक पद पर लगा है। अभिषेक का यह चौथा प्रयास था और उन्होंने पूरी तैयारी घर पर रहकर ही की थी। सिर्फ मॉक टेस्ट के लिए वे जयपुर तैयारी करने गए थे।