
उदयपुर : वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप (Veer Shiromani Maharana Pratap) महापुरुष की परिभाषा से भी कई ऊपर एक पूरा युग हैं, जो राष्ट्र निर्माण और भारत माता की निस्वार्थ सेवार्थ समर्पण का अनुपम उदाहरण हैं। यह बात जोधपुर के संयुक्त परिवहन आयुक्त व तीर फाउंडेशन नासिक के निदेशक डॉ. मन्नालाल रावत (Dr. Mannalal Rawat) ने सोमवार को महाराणा प्रताप जयंती (Pratap Jayanti) पर उदयपुर (Udaipur) के प्रताप गौरव केन्द्र पर पुष्पार्चन कार्यक्रम में कही। केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि महाराणा प्रताप जयंती पर प्रातः 8.15 बजे केन्द्र में स्थापित 57 फीट ऊंची बैठक प्रतिमा के चरणों में पुष्प अर्पित किए गए। महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा पर 151 किलोग्राम की पुष्पमाला भी पहनाई गई। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के कोषाध्यक्ष अशोक पुरोहित, प्रचार प्रमुख सुंदर कटारिया, कार्यकारिणी सदस्य महावीर चपलोत, समाजसेवी श्याम रावत, इतिहास संकलन समिति के डॉ. विवेक भटनागर, मनीष श्रीमाली सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित थे। सोमवार दिन भर केन्द्र के दर्शन करने आए पर्यटकों ने केन्द्र परिसर में स्थापित लघु प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर महाराणा प्रताप को नमन किया। सूर्यास्त के बाद यहां होने वाले वाटर लेजर शो 'मेवाड़ की शौर्य गाथा' (The bravery saga of Mewar) के शुल्क में भी तीन दिन छूट रही। इसमें इतनी भीड़ उमड़ी कि नियमित दो शो से बढ़ाकर तीन शो प्रदर्शित किए गए। हर शो में 50 की क्षमता अतिरिक्त बढ़ानी पड़ी।