संत समागम में हुआ संतों का सम्मान

राम कहानी चित्रों की जुबानी तेल चित्रों की प्रदर्शनी का लोकार्पण

Pratahkal    20-Mar-2023
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संत समागम
 
उदयपुर : अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति (All India New Year Celebration Committee) द्वारा चलाए जा रहे नव संवत्सर विक्रम उत्सव 2080 पखवाड़ के अन्तर्गत मेवाड़ के विभिन्न पीठाधिश्वर, मंडलेश्वर साधु संतो का संगम व्यास सभागार, आलोक संस्थान में हुआ । उक्त कार्यक्रम में सभी संत महात्माओं को धर्म ध्वजा रक्षक सम्मान दिया गया। कार्यक्रम (Program) की अध्यक्षता अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव (National secretary) डॉ. प्रदीप कुमावत ने की। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी के के गुप्ता थे। अध्यक्षता करते हुए समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत (Dr. Pradeep Kumawat) ने कहा कि मेवाड़ सदैव संतों की भूमि रही है। यहां पर मेवाड़ राज्य की स्थापना भी एक महान योगी संत हारित राशि के माध्यम से हुई इसलिये मेवाड़ में राजदंड के ऊपर धर्म दंड है। अतः मेवाड़ की इस परम्परा के अनुरूप नववर्ष पर इन सभी साधु संतो का अभिनन्दन किया गया । सयोजक शशांक टॉक ने बताया कि इस अवसर पर महंत रासबिहारी शरण शास्त्री, महंत इन्द्रदेव दास, महंत बिरमदेव, साध्वी राजु बा, महंत राधिका शरण शास्त्री, महंत दास प्रवीण, महंत चेतनदास, महंत अचलदास, महंत दयाराम, महंत रामचन्द्र दास, महंत सुन्दरदास, महंत चतरदास, महंत स्वामी कृश्णानंद सरस्वती को शॉल, श्रीफल, अभिनन्दन पत्र, श्रीराम जी का चित्र देकर अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर एक विशेष विक्रमादित्य अलंकरण पुष्कर लाल लोहार को प्रदान किया गया जिन्होंने मंदिर चलो अभियान को एक नई गति और ऊर्जा प्रदान की है। इस अवसर पर आलोक संस्थान के छात्र-छात्राओं, अध्यापिका संगीता भटनागर, मिनाक्षी शर्मा द्वारा तैयार की गई राम कहानी चित्रों की जुबानी प्रदर्शनी का विधिवत लोकार्पण किया गया। बालकों में संस्कार निर्माण की दृश्टि से इन चित्रों का निर्माण किया गया है। इनके पोस्टकार्ड छपवाकर सभी को वितरित किये जाएंगे।
 
शनिदेव और विक्रमादित्य का मिलन
 
इतिहास (History) के पन्नों में विक्रमादित्य और शनिदेव का महत्वपूर्ण इतिहास दर्ज है । जब शनि ने विक्रमादित्य को कहा कि तुम महाकाल के भक्त हो लेकिन शनि से कोई बच नहीं सकता । अतः उनको भयंकर पीड़ा देकर परीक्षा ली। अंत में महाराजा विक्रमादित्य इस परीक्षा में सफल हुए । शनि और विक्रमादित्य का मिलन अद्भुत है। इसी दृष्टि से शनिदेव मंदिर में महाराजा विक्रमादित्य की मूर्ति ले जाकर पूजन किया गया। शनिदेव भक्तों में से इक्कीस भक्तों का अखिल भारतीय नववर्श समारोह समिति द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर मनोज कुमावत, कांता कुमावत, विद्या कुमावत, कमलेन्द्र सिंह पवार, संजीव भारद्वाज, मनीष तिवारी, शशांक टॉक, रतन लाल पालीवाल, निश्चय कुमावत, प्रतीक कुमावत सहित मंदिर चलो महाअभियान के कई लोग उपस्थित थे।