महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 'अबॉर्शन'

Pratahkal    20-Mar-2023
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Abortion 
 
मुंबई : देशभर में महाराष्ट्र (Maharashtra) इकलौता ऐसा राज्य है जहां पिछले साल में सबसे ज्यादा गर्भपात (Abortion) के मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इसके बाद तमिलनाडु (Tamilnadu) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर के राज्य है जहां पर सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। मार्च 2021 (March 2023) और अप्रैल 2022 (April 2022) के दौरान एक साल के भीतर 11 लाख गर्भपात के मामले रिकॉर्ड किए गए थे। इनमें से अकेले महाराष्ट्र राज्य में 1.8 लाख मामले दर्ज किए गए थे जबकि तमिलनाडु में 1.14 लाख और पश्चिम बंगाल में 1.08 लाख मामले सामने आए थे। इससे संबंधित आंकड़ों की जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Health and Family Welfare) ने गत 14 मार्च को राज्यसभा (Rajya Sabha) में डाटा पेश करते हुए दी है।
 
स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) की ओर से प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों की माने तो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पिछले वित्तीय वर्ष में 11,44,634 गर्भपात के मामलों की सूचना मिली थी। इनमें सहज और प्रेरित करने वाले दोनों तरह के मामले शामिल रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गर्भपात के सबसे कम मामले रिकॉर्ड किए गए। इस बीच देखा जाए तो गर्भावस्था के बीस सप्ताह से पहले सहज गर्भपात गर्भावस्था (Miscarriage pregnancy) का प्राकृतिक नुकसान होता है जिसको 'गर्भपात' भी कहा जा सकता है, जबकि गर्भावस्था का जानबूझकर चिकित्सा या शल्य चिकित्सा के जरिए समाप्त कराना प्रेरित गर्भपात होता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट से पता चलता है कि साल 2007 और 2011 के बीच भारत में 67 फीसदी गर्भपात असुरक्षित रूप में वर्गीकृत किये गए थे। यह राज्यों में व्यापक रूप से 45 से 78 फीसदी तक भिन्न रहे। पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से भारत में गर्भपात कानूनों को मजबूत करने का फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) अधिनियम के तहत प्रदान की गई 20 से 24 सप्ताह की समय सीमा के भीतर एक अविवाहित महिला को अपनी गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय व्यापक गर्भपात देखभाल (CAC) कार्यक्रम के तहत गर्भपात सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने पर काम कर रहा है।