मुंबई। सांचोर (Sanchore) अब नया जिला (New District) है। मांग तो बाली और भीनमाल को जिला बनाने की थी। मगर सियासत जीत गई, हालात हार गए और जनता की मांग धरी रह गई। भौगोलिक रूप से भीनमाल केंद्र में है और बाली को बहुत बेताबी से इंतजार था। लेकिन गुजरात की सीमा से सटा सांचोर जिला बना दिया गया है। न तो सांचोर से कोई बहुत प्रभावशाली मांग कभी थी और न ही कोई खास भौगोलिक जरूरत भी। फिर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने यह फैसला कर लिया। सांचोर को जिला बनाने के पीछे सरकार के तर्क क्या हैं, कोई नहीं जानता। लेकिन जिला बनाने के जरिए कांग्रेस (Congress) की अपने मतदाताओं को लुभाने की कोशिश साफ दिख रही है। फिर भी, कांग्रेस अगला चुनाव फिर जीत ही लेगी, यह कतई साफ नहीं है।
पाली, सिरोही व जालोर जिलों में बाली को जिला बनाने की मांग सबसे अहम थी, फिर भीनमाल भी जिला बनने की तरफ बढ़ रहा था। लेकिन सांचोर को जिला बनाने के राजनीतिक प्रभाव – दुष्प्रभाव तो आने वाले समय में होंगे, जो कोई नहीं जानता। मगर, तात्कालिक प्रभाव केवल यही है कि सुखराम बिश्नोई (Sukhram Bishnoi) के खाते में सांचोर को जिला बनाने का श्रेय जुड़ रहा है। सांचोर के कांग्रेसी विधायक बिश्नोई अभी राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) में मंत्री हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने बिश्नोई को जीत का इनाम दिया है व अगली जीत का इंतजाम भी किया है। मगर राजनीतिक विश्लेषकों की राय में सांचोर में कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश में गहलोत का यह पहला कदम है। पर, अगले चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार जीतेगा या हारेगा, यह केवल जिला बनाने भर से तय नहीं हो सकता।
बाली बरसों से जिला बनने की बाट जोह रहा है। सन 1980 में अशोक गहलोत जब पहली बार सांसद बने, और पाली जिले के आदिवासी इलाके बाली का दौरा करने पहुंचे थे, तो पहाड़ी क्षेत्र भीमाणा में इस इलाके के लोगों ने बाली को जिला बनाने की मांग की थी। फिर तो बाली से ही रघुनाथ परिहार मंत्री बने और इसी इलाके से भैरोंसिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat) मुख्यमंत्री भी बने, बरसों तक पुष्पेंद्र सिंह भी मंत्री रहे। सभी ने बाली को जिला बनाने के प्रयास किए और आश्वासन दिये, नीतिगत रूप से भी मांग रखी। लेकिन अब, जब जिला बनाने की बारी आई, तो बाली बाट जोहता रह गया, भीनमाल भरोसे में मारा गया और सांचोर सफल हो गया।
लगभग 27 लाख की जनसंख्या वाले पाली जिले में जैतारण, रायपुर, सोजत, मारवाड़ जंक्शन, रोहट, पाली, रानी, देसूरी, सुमेरपुर, बाली आदि 10 तहसीलें और छह विधानसभा क्षेत्र हैं। पाली जिला जो कुल 12 हजार 387 किलोमीटर में फैला हुआ है। जबकि कुल 21 लाख जनसंख्या वाला जालोर जिला केवल 10 हजार वर्ग किलोमीटर में ही फैला है। यहां पाली के मुकाबले 3 तहसीलें कम है, केवल 7 तहसीलें ही और विधानसभा क्षेत्र भी पांच ही हैं। इस लिहाज से जरूरत और मांग के बावजूद सांचोर को जिला बनाने के पीछे के रणनीतिक पहलुओं को सियासत में तलाशा जा रहा है।
जालोर जिले के अंदरूनी हालात को देखें, तो जरूरत व भौगोलिक लिहाज से तो भीनमाल (Bhinmal) को जिला बनाना चाहिए था। यहां से मांग भी थी तथा भौगोलिक रूप से भी भीनमाल जालोर जिले के मध्य में भी है, जबकि सांचोर धुर सीमा पर अवस्थित है, जहां से गुजरात शुरू होता है। राजनीतिक विश्लेषकों की राय में सांचोर को जिला बनाने के पीछे कांग्रेसी तर्क और ताकत ही तीव्र कारण रहे हैं। जालोर, पाली व सिरोही जिलों की 14 विधानसभा सीटों में पिछले चुनाव में केवल सांचोर से ही कांग्रेस (Congress) जीत सकी थी। संभव है कि जिला बनाने के बहाने कांग्रेस ने अपनी जीत पक्की करने की कोशिश की हो। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सांचोर से कांग्रेस के लिए चुनाव जीतना अगले चुनाव में बहुत टेढ़ी खीर साबित होगा। क्योंकि सांचोर में किसी की भी जीत केवल जातिगत व त्रिकोणीय संघर्ष के तीसरे कोण की ताकत पर ही निर्भर करती है।
उनका कहना है
पाली को संभाग मुख्यालय बनाने के लिए मुख्यमंत्रीजी का अभिनंदन, लेकिन बाली को जिला बनाने के लिए एक और सूची जारी करे, क्योंकि 40 साल से हमारी ये मांग टाली जा रही है।
- अभिमन्यु सिंह (कांग्रेस नेता)
पाली बहुत बड़ा जिला है, बरसों से बाली को जिला बनाने की मांग हम कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक भेदभाव में इस बार भी हमारी मांग नहीं मानी, गहलोत सरकार को इसका नुकसान उठाना होगा।
- एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित मादा (बीजेपी नेता)
अशोक गहलोत सरकार सांचोर के बजाय भीनमाल को जिला बनाते, तो ज्यादा उचित होता। सरकार ने हमारी वर्षों से की जा रही मांग की अवहेलना करके जनभावना के विरुद्ध काम किया है।
भीनमाल को जिला बनाने की हमारी मांग बहुत पुरानी है, फिर भी सरकार ने भीनमाल की उपेक्षा की है, जिसका आनेवाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत बड़ा नुकसान होगा।
- रतनसिंह राठोड़ – तूरा (समाजसेवी)
राजस्थान सरकार का मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। सांचौर को जिला बनाने में किसी जन प्रतिनिधि की कोई भूमिका नहीं है। सांचौर केवल प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत से जिला बना है।
- श्रवणसिंह राव (जिला अध्यक्ष भाजपा जालोर)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हमारे विधायक और राज्य के मंत्री सुखराम विश्नोई को मैं धन्यवाद देता हूं। जिला बनाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांचौर को अमूल्य तोहफा दिया है।
- नरेश सेठ (अध्यक्ष नगरपालिका सांचौर)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिले बनाए, उसके लिए तहेदिल से आभार। लेकिन भीनमाल को जिला बनाने की हमारी मांग पर भी मुख्यमंत्री विचार करेंगे तो अभी भी देर नहीं हुई है।
- हीरा देवासी (कांग्रेस नेता)