उदयपुर (वि) | महाराणा कुंभा संगीत परिषद (Maharana Kumbha Sangeet Parishad) द्वारा भारतीय लोककला मण्डल में आयोजित किये जा रहे 60 वें महाराणा कुंभा संगीत समारोह के तीसरे दिन की प्रथम प्रस्तुति के रूप में आज डॉ. आरतीसिंह एण्ड ग्रुप ने कत्थक (Kathak) की प्रस्तुति दी। प्रस्तुत की गई रचनाओं में अष्टनायिका, दिव्यज्योति, ऋतु श्रृंगार एवं शिव शक्ति शामिल थी, जिनमें अष्टनायिका डॉ. श्रीमती अनीता सेन द्वारा रचित व गाई गई ठुमरियों पर आधारित नृत्य संरचना, दिव्यज्योति स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) के जीवन पर आधारित नृत्यनाटिका ऋतु श्रृंगार, रायगढ़ की रचनाओं पर आधारित नृत्य संरचना एवं शिवशक्ति के अन्तर्गत शिवपंचाक्षर स्त्रोत, तालधमार एवं दक्षयज्ञ पर आधारित नृत्यसंरचना थी, जिसे बखूबी प्रदर्शित किया गया।
आज की प्रस्तुति, काल विशेष पर आधारित नृत्य संरचना इरा जिसमें मुख्य रूप से भक्ति काल, मुगलकाल व आधुनिक काल की झलक परिलक्षित होती है। इस नृत्य संरचना की परिकल्पना एवं निदेशन डॉ. आरतीसिंह, नृत्य संयोजन विश्वजीत चक्रवर्ती, आलेख डॉ. आरतीसिंह,संगीत डॉ. विद्यानाथसिंह एवं विश्वजीत चक्रवर्ती, गायन शंकर दरो एवं प्रवीण बसनेट, कोरस तालवाद्य गरीता दिवाकर व चंपा निषाद, स्वरवाद्यशंकर, इरफान, किरण एवं प्रगति का था। इनके साथ तबला पर डॉ. विद्यानाथ सिंह पखावज पर त्रिलोचना सोना, पैड पर राजेश नायक, सारंगी पर मो. शफीक हुसैन, सितार पर सुधीर पंडित, बांसुरी पर विवेक टांक, कीबोर्ड पर सूरज महानन्द, डॉ. विद्यानाथ सिंह, दीपक हटवार, प्रबोध रंजन एवं स्वप्निल स्टुडियो, रायपुर का था । ओडिसी नृत्य- देश की प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना कविता द्विवेदी ने आदि शंकराचार्य द्वारा रचित शिव पंचाक्षर ओम नमः शिवाय पर ओडिसी नृत्य पेश कर सभी का मन मोह लिया। कविता ने अपनी नृत्य शैली में भगवान शिव के स्वरूप और शास्वत रूप का वर्णन किया है। इसके बाद कविता द्विवेदी ने पल्लवी, शुद्ध नृत्त, ओडिसी नृत्य की शुद्ध नृत्त पक्ष को दर्शाती जहाँ ताल, लय और स्वर से सुसज्जित चौक और त्रिभंग के साथ लास्य पूर्ण भंगिमा की शानदार प्रस्तुति देने पर दर्शक अपने स्थान पर खड़े हो कर उनके भरपूर दाद दी। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि भगवत बाबेल एवं पूर्व आरएएस अधिकारी दिनेश कोठारी थे । कार्यक्रम में शहर के सभी संगीत रसिक की मौजूदगी ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। परिषद के मानद सचिव मनोज मुर्डिया ने बताया कि शुक्रवार 17 मार्च को दिल्ली के सुप्रसिद्ध वायलिन वादक डॉ संतोष नाहर वायलिन वादन और उसके बाद बंदिश बेंडिट के गायक मोहम्मद अमान खान ख्याल गायन प्रस्तुत करेंगे ।