मुंबई। भारतीय संस्कृति में कई तीज त्यौहार है। इनमें दशामाता पूजन (Dasamata Pujan) का विशेष महत्व है। दशामाता व्रत को लेकर नगर में प्रवासी महिलाओं ने 10 दिनों तक मां दशा, मां शीतला, ओरी माता की दंत कथाओं का श्रवण कर शुक्रवार को पीपल पूजन कर वेल (गले का धागा) बदल कर व्रत पूरे किए। महिलायें सोलह श्रंगार कर, थाल सजाकर पीपल पूजन करने पहुंची। कथा स्थल पहुंच माता के गीत गाए। बाद में सिडको, गणपति मंदिर, जिला पाठशाला, परनाली महादेव मंदिर (Mahadev Mandir) में पीपल की पूजा अर्चना कर मां दशा से घर में सुख समृद्धि की मंगल कामना की। गुरुवार को महिलाओ ने रात्रि जागरण किया। पीपल पूजन के बाद महिलाओ ने दंत कथाओं का श्रवण कर पतवारी पूजन किया। शाम को लापसी, चावल का भोग लगा व्रत खोल नई वेल धारण की। समीप के दहानू व पालघर (Palghar) उप नगर में भी प्रवासी महिलाओं ने दशा माता पूजन हर्षोल्लास से किया।