मिलनसार सुश्रावक थे वागरेचा

Pratahkal    16-Mar-2023
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Moolchand Wagrecha
 
मुंबई : नमाना निवासी सीपी टैंक मुंबई (Mumbai) प्रवासी मूलचंद वागरेचा (Moolchand Wagrecha) एक सरल स्वभावी, सहृदयी, व्यवहार कुशल, मिलनसार सुश्रावक थे। सुश्रावक नवलराम वागरेचा के चारों पुत्रों में वे द्वितीय पुत्र थे और वक्तावरमल,भंवरलाल, पूनमचंद के भ्राता थे। वागरेचा परिवार की एकता, संगठन और सामंजस्य समाज में उदाहरण है। वे 70 वर्षो से मुंबई में प्रवासरत थे।
 
पारिवारिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक सभी क्षेत्रों में सर्वोच्च सुख में आसीन होकर वे अपने नाम को धन्य कर गए। वे रूढियों से मुक्त शांत शालीन जीवन जीने के हिमायती थे। गुरूदर्शन, रास्ते की सेवा, गोचरी इत्यादि धार्मिक क्रियाकलापों में सदैव अग्रसर रहते थे। महाप्रज्ञ स्कूल कालबादेवी में साधु साध्वियों के दर्शन प्रवचन श्रवण उनका नित्यक्रम रहा। उनके संपर्क में आनेवाला उनकी व्यवहार कुशलता और हंसमुख स्वभाव का कायल हो जाता।
 
सामाजिक गतिविधियों में उन्होंने सदा उदारमन होकर सहयोग प्रदान किया। उनके चारों सुपुत्र मोडीलाल, अशोक, सुरेश, दिनेश में यही संस्कार विरासत में मिले। उन्होंने नमाना व मुंबई के हर कार्यक्रम में सक्रियता दर्ज कराई। समाज के युवकों का वे सदा उत्साहवर्धन करते थे। पूरा वागरेचा परिवार संघ व संघपति के प्रति समर्पित है। धर्मपत्नी सुंदरदेवी सामाजिक, व्यवहारिक, जागरूक महिला है। पुत्रवधु पुष्पा, लीला, मीना, जया पुत्रियां – मीना, सीमा को भी संस्कारों की विरासत देकर गए। उन्होंने भरा पूरा संस्कारी परिवार छोड़कर विदा ली।