राजस्थान में पीएफआई को खून-खराबे का टारगेट मिला था

नफरत फैलाने हथियार-पैसा पहुंचाने की थी प्लानिंग, दो सदस्यों को दी गई थी ट्रेनिंग

Pratahkal    16-Mar-2023
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PFI was the target of bloodshed in Rajasthan
 
जयपुर (कास)। एनआईए (ANI) ने राजस्थान (Rajasthan) में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) (PFI) की हिंसक गतिविधियों से जुड़े दो युवकों के खिलाफ चार्जशीट दायर (Charge Sheet Filed) कर दी है। दोनों को देश-प्रदेश में अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच नफरत फैलाने का टारगेट दिया गया था । हथियार और विस्फोटक की ट्रेनिंग भी देनी थी। इनका उद्देश्य 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना था । इन्हें हिंसा और आतंक के लिए रूपए जुटाने का काम भी दिया गया था। सितंबर 2022 में आपराधिक साजिश की जांच करते हुए ये चार्जशीट दर्ज की है। एनआईए ने बताया- कोटा (Kota) के मोहम्मद आसिफ और बारां के सादिक सर्राफ पर मामला दर्ज कर जांच की गई थी। जांच में सामने आया था कि ये लोग हिंसक घटना को अंजाम देने के लिए पीएफआई के लिए प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं की भर्ती किया करते थे। जांच में सामने आया कि ये हथियारों और विस्फोटकों को चलाने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते थे।
 
लोगों को हथियार उठाने के लिए उकसाते थे
 
ये लोग पीएफआई के मेंबरों को हथियार उठाने के लिए उकसाने और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने में भी शामिल पाए गए। भारत (India) में विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को सक्रिय रूप से बढ़ावा देते थे। देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए युवाओं को हिंसक तरीकों का सहारा लेने के लिए प्रेरित किया करते थे। इन लोगों ने मुस्लिम युवाओं को यह विश्वास दिलाने के लिए कट्टरपंथी बनाया कि भारत में इस्लाम खतरे में है।
 
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई
 
बता दें कि 2006 में केरल में बना मुस्लिम संगठन (Muslim Organization) पीएफआई, 1993 में बने नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट यानी एनडीएफ का ही मॉर्डन वर्जन है। एनडीएफ (NDF) के 19 प्रमुख नेताओं में से एक प्रोफेसर पी कोया ने ही सीमी का गठन किया था। पीएफआई (PFI) पर दक्षिण भारत में आरएसएस (RSS) के कम से कम 30 बड़े नेताओं की हत्या के आरोप हैं। इसके अंडर काम कर रहे कई संगठनों पर भी गैरकानूनी गतिविधियों शामिल होने का आरोप हैं।