मुंबई। आचार्य महाश्रमण के मुंबई (Mumbai) चातुर्मास की तैयारियों को लेकर आध्यात्मिक व्यक्तित्व विकास कार्यशाला भिक्षु विचार दर्शन (Bhikshu Vichar Darshan) का आयोजन सांताक्रूज़ ईस्ट में किया गया। कार्यक्रम में युवक परिषद् के राष्ट्रीय सहमंत्री भूपेश कोठारी, चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदनलाल तातेड, महामंत्री सुरेंद्र कोठारी एवं तेरापंथी सभा मुंबई के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र तातेड की उपस्थिति रही। शुरुआत मुनिवृन्द द्वारा नमस्कार महामंत्र के साथ हुई। परिषद् सदस्यों ने विजय गीत का संगान किया। पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र तातेड ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया। सांताक्रूज़ परिषद् अध्यक्ष मनीष बापना ने स्वागत किया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते मुनि सिद्ध कुमार ने तेरापंथ संघ (Terapanth Sangh) के बारे में विस्तार से बताया और श्रावक, संत और सेवा की विवेचना की। उन्होंने लौकिक और लोकोत्तर, सावाध्य, निर्वध्य, साध्य, साधन, मोक्ष, संवर, निर्जरा, आत्मशुद्धि, त्याग, अहिंसा, द्रव्य पूजा, भाव पूजा जैसे विषयों को समझाते हुए भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों को बताया। उन्होंने 16 बिंदुओं के माध्यम से तेरापंथ धर्मसंघ को रेखांकित किया। मुनि अभिजीत कुमार ने तीन कहानियों के माध्यम से धर्म और त्याग को समझाया और कहा कि ऐसे धर्म को हमें अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने धर्म संघ के सिद्धांतों और विचारों को सभी के सामने रखा। उन्होंने बारह व्रत लेने अपील की तथा नशा मुक्ति, आत्महत्या न करने एवं गाली का प्रयोग नहीं करने का त्याग करवाया। अंत में दोनों ने लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
कार्यक्रम में जितेंद्र परमार, अविनाश इंटोदिया, प्रसन्न पामेचा, दीपक समदरिया, विकास कोठारी, मयंक धाकड़, नरेश चपलोत, गौतम डांगी, राजेश कोठारी, नरेंद्र सिंघवी, मुकेश नोलखा, नीतेश धाकड़ की उपस्थिति रही। कार्यक्रम सफल बनाने गौतम भंडारी,अमित रांका, किरण परमार, महेश परमार, ओमप्रकाश चोरड़िया, जयेश चोरड़िया, राकेश मेहता, विनीत बाबेल, विधित धाकड़, गगन गेलड़ा, अर्चित भलावत, दीपक परमार, अश्विन परमार, राजेंद्र नोलखा, महेश कोठारी, ममता कोठारी, डिम्पल परमार, माया बापना आदि सक्रिय रहे। आभार ज्ञापन परिषद् मंत्री नीलेश कोठारी ने किया।