सुप्रीम कोर्ट ने कहा : जिस भाषा में गवाही हो उसमें भी रिकॉर्ड रखा जाए

01 Feb 2023 14:56:50
 
Supreme Court
 
नई दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निचली अदालतों गवाही को मूल भाषा के बजाय अंग्रेजी अनुवाद कर रिकॉर्ड में दर्ज कराने की जजों की प्रथा को गलत ठहराया। शीर्ष अदालत ने कहा, जिस भाषा में गवाह बयान देता है। उसमें भी रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए। सिर्फ अंग्रेजी अनुवाद को रिकॉर्ड में शामिल करना गलत है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
 
जस्टिस अजय रस्तोगी (Justice Ajay Rastogi) और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) ने सभी अदालतों को गवाही दर्ज कराते वक्त सीआरपीसी की धारा 277 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने की नसीहत दी। पीठ ने यह टिप्पणी एक आपराधिक अपील का निस्तारण करते हुए की। पीठ ने पाया कि कुछ निचली अदालतों में गवाहों के बयान उनकी भाषा में दर्ज नहीं किए जा रहे हैं। उन्हें सिर्फ अंग्रेजी भाषा में जैसा कि पीठासीन अधिकारी ने अनुवाद किया हो, रिकॉर्ड में लिया जा रहा है। पीठ के समक्ष आए मामले में गवाह ने अपनी मातृभाषा में बयान दिए थे, लेकिन रिकॉर्ड में अंग्रेजी अनुवाद था ।
 
रिकॉर्ड के लिए बाद में किया जाए अनुवाद : पीठ ने कहा, गवाह के साक्ष्य को अदालत की भाषा में या गवाह की भाषा में जैसा भी संभव हो दर्ज किया जाना चाहिए। उसके बाद ही रिकॉर्ड का हिस्सा बनने के लिए अदालत की भाषा में इसका अनुवाद किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, गवाही की सर्वोत्तम तरह से सराहना तभी हो सकती है जब उसे गवाह की भाषा में दर्ज किया जाए। यही नहीं, जब कभी यह सवाल उठता है कि गवाह ने आखिर क्या कहा है तो उसकी वास्तविक गवाही ही मायने रखती है, अंग्रेजी का अनुवाद काम नहीं आ सकता ।
 
धारा 277 के तहत ये हैं नियम
 
अगर गवाह कोर्ट की भाषा में गवाही देता है, तो उसे उसी भाषा में दर्ज करना होता है।
 
यदि वह किसी अन्य भाषा में बयान देता है तो यदि संभव हो तो उसे उसी भाषा में दर्ज किया जाना चाहिए और यदि ऐसा करना संभव न हो तो अदालत में गवाही का सही अनुवाद तैयार किया जा सकता है। यह सिर्फ तब होता है जब गवाह अंग्रेजी में गवाही दे और उसे उसी रूप में दर्ज कर लिया जाए। साथ ही किसी भी पक्ष की ओर से अदालत की भाषा में उसके अनुवाद की आवश्यकता नहीं होती है, तब अदालत ऐसे अनुवाद से छूट दे सकती है। अगर गवाह अदालत की भाषा के अलावा किसी अन्य भाषा में गवाही देता है, तो जल्द से जल्द अदालत की भाषा में इसका सही अनुवाद तैयार किया जाना चाहिए।
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