1200 किमी. का सफर तय कर अयोध्या पहुंचाए घी-कलश

Pratahkal    09-Dec-2023
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जोधपुर (कासं)। जोधपुर (jodhapur) से 11 बैलगाड़ियों में रवाना किए गए घी के 108 कलश (Ghee-Kalash) 10 दिन में 1200 किलोमीटर की दूरी तय करके अयोध्या (Ayodhya) पहुंचे। इसी घी से रामलला की पहली आरती और हवन होगा। अयोध्या में रामलला जल्द भव्य राम मंदिर में विराजेंगे। 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा उत्सव प्रस्तावित है। कलशों में 600 किलो घी है। शुक्रवार को घी के कलशों को सरयू स्नान कराया गया शनिवार को इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा। घी लेकर जोधपुर के बनाड़ स्थित महर्षि संदीप धर्म गोशाला (Maharishi Sandeep Dharma Gaushala) के संचालक संदीपनी महाराज पहुंचे।
 
शनिवार को अयोध्या में घी के कलशों को बैलगाड़ियों में रख नगर परिक्रमा कराई जाएगी। इसके बाद घी का अभिषेक होगा और फिर इसे मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। घी की बैलगाड़ियां जब अयोध्या पहुंचीं तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज और महासचिव चंपत राय ने कलशों की आरती उतार कर स्वागत किया । इस दौरान अनिल मिश्र, सोहन सोलंकी, विनायक देश पांडे सहित विहिप के नेता भी मौजूद रहे।
 
27 नवंबर को जोधपुर से रवाना हुए थे रामभक्त : जोधपुर से बैलगाड़ियों पर 108 कलश में 600 किलो घी लेकर संदीपनी महाराज के नेतृत्व में देव दीपावली (27 नवंबर) को रामभक्त अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। बैलगाड़ी जैसे रथों में इन कलश को रखा गया था। जोधपुर, पाली, ब्यावर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर, लखनऊ होते हुए रथ यात्रा अयोध्या पहुंची थी। इस मौके संदीपनी महाराज ने कहा- भगवान श्रीराम लला (Shri Ram Lala) के मंदिर (Temple) के लिए इस घी का उपयोग होगा। यह जोधपुर ही नहीं देश के लिए गौरव की बात है। हम कई युगों से देखते आ रहे हैं कि भगवान के लिए जो घी काम में लिया जाता है, वह गौ माता का होता है। खुशी है कि घी से भगवान की महाआरती की जाएगी। इसी घी से भगवान के लिए अखंड ज्योति भी प्रज्ज्वलित की जाएगी। यह घी भगवान के स्नान और पंचामृत के लिए भी काम आएगा।
 
चंपत राय बोले- जोधपुर से सर्वाधिक निधि समर्पितः श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा- बनाड़ गोशाला जोधपुर के संदीपनी महाराज ने तीन माह पहले आकर यहां पर गौ माता का घी लाने की इच्छा जताई थी। जोधपुर वीरों की धरती है। यहां से प्रोफेसर महेंद्र अरोड़ा और मथानिया के सेठाराम माली ने 2 नवंबर 1990 को कारसेवा में बलिदान दिया था। इसी धरा से बैलगाड़ियों पर कलश में गौ माता का घी लाया गया है। धरती गौ माता के सींग पर टिकी है। सभी देवी देवता गाय के शरीर में निवास करते हैं। राम मंदिर निधि समर्पण के लिए जोधपुर प्रांत से पूरे देश में सबसे अधिक निधि समर्पित हुई थी।
 
उन्होंने कहा- घी को अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा करवाई जा रही है। इसके बाद इन कलशों को मंदिर में प्रभु श्रीराम (shriram) के लिए समर्पित किया जाएगा। इसी से भगवान का दीपक, प्राण प्रतिष्ठा के समय जो पूजन पाठ होगा। उसमें इस घी का सर्वोतम उपयोग हो पाएगा। नतमस्तक हैं।