उप्र में हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध

→ नियम विरूद्ध प्रमाणन पर मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश, कई कंपनियों पर एफआईआर → राज्य के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना → हलाल प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, खरीद, बिक्री व भंडारण पर रहेगी रोक → हालांकि इनके निर्यात पर फिलहाल नहीं लगाई गई है पाबंदी

Pratahkal    20-Nov-2023
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yogi 
 
लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) में हलाल (Halal) प्रमाणित ( सर्टिफाइड) उत्पादों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। बिना किसी अधिकार के एक समुदाय विशेष को प्रभावित करने के लिए खान पान औषधि और सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों का हलाल प्रमाणन किया जा रहा था। नियम विरूद्ध हो रहे प्रमाणन पर सख्ती किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश के बाद शनिवार को अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व आयुक्त अनीता सिंह ने हलाल प्रमाणित उत्पादों पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी कर दी । हालांकि इनके निर्यात पर रोक नहीं लगाई गई है। इससे पहले शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में हलाल का प्रमाणपत्र जारी करने वाली कंपनियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, व लखनऊ, हलाल काउंसिल आफ जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा मुंबई और कुछ अन्य कंपनियां शामिल हैं। भाजपा नेता शैलेंद्र कुमार शर्मा की तहरीर पर कंपनियों के मालिकों और प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
 
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि हलाल प्रमाणित खान-पान की वस्तुएं, औषधि, चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री व प्रसाधन सामग्रियों के विनिर्माण, भंडारण, वितरण एवं क्रय विक्रय करते हुए पाए जाने पर विधिको कार्रवाई होगी । औषधियों, चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री और सौंदर्य प्रसाधन की लेबलिंग संगत नियमों में निर्धारित प्रविधान के अनुसार न करने, लेबल पर गलत व भ्रामक तथ्य छापने की दशा में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री की श्रेणी में आता है। अधिनियम में ऐसा कोई प्रविधान नहीं है कि हलाल प्रमाणीकरण का अंकन उत्पादों के लेबल पर किया जाए। ऐसे में अगर इन वस्तुओं पर हलाल प्रमाणीकरण से संबंधित किसी भी तथ्य का प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से अंकन किया जाता है तो वह उक्त अधिनियम के अंतर्गत मिथ्या छाप होगा। ऐसी सामग्री का विनिर्माण, भंडारण, वितरण एवं क्रय- प्रतिबंधित है और दंडनीय अपराध है । विक्रय किया जाना इस अधिनियम बेचने पर आजीवन कारावास व 10 बिक्री करने वाली संस्था का लाइसेंस निरस्त किए जाने और नकली पदार्थ लाख तक का जुर्माना लगाने की व्यवस्था है।
 
डेयरी उत्पादों से लेकर तेल तक का अवैध प्रमाणन
 
दवाओं और सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों के साथ- साथ हलाल सर्टिफाइड डेयरी उत्पादों, चीनी, बेकरी उत्पाद, पिपरमिंट आयल, नमकीन और खाद्य तेल इत्यादि के लेबल पर अवैध ढंग से हलाल प्रमाणन किया जा रहा है। खाद्य विधि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत खाद्य पदार्थों के लिए शीर्षस्थ संस्था भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा मानक तय किया गया है। इसके समानांतर व्यवस्था किए जाने का कोई प्रविधान नहीं है। इसका उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाई की जा सकती है।
 
नोटिस जारी कर पूछा, किस कानून जारी किया सर्टिफिकेट ?
 
हजरतगंज कोतवाली (Hazratganj Kotwali) में दर्ज मुकदमे के मुताबिक कंपनियां उन उत्पादों को भी हाल प्रमाणपत्र जारी कर रही हैं, जो शुद्ध शाकाहारी हैं। इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर पूछा जा रहा है कि आखिर वह किस कानून या नियमावली के आधार पर सर्टिफिकेट जारी कर रही हैं ? उत्पादों की जांच के लिए लैब टेस्टिंग कहां होती है? लैब को कहां से मान्यता मिली है? फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र जारी कर पैसा बना रहीं कंपनियों पर देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले आतंकी संगठनों की फंडिंग का भी आरोप है। कंपनियों के अलावा राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र करने वाले अन्य अज्ञात लोगों और अधिसूचित आतंकवादी संगठन समेत अन्य पर मुकदमा किया गया है । साजिश, सद्भाव बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, जबरदस्ती वसूली धोखाधड़ी और कूटरचना आदि से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं।
 
क्या है हाल प्रमाणपत्र
 
किसी उत्पाद को हलाल प्रमाणपत्र (halal certificate) मिल जाने पर इस्लाम मत मानने वालों को यह विश्वास रहता है कि जो चीज वे इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हलाल यानी जायज है। कई इस्लामी देशों में हलाल प्रमाण पत्र वहां की सरकार देती है। लेकिन भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण हलाल का कोई प्रमाणपत्र जारी नहीं करता है। इसके बावजूद भारत में लगभग दर्जन भर कंपनियां और संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेशन का काम करती हैं, ताकि उन उत्पादों का इस्लामिक देशों में निर्यात किया जा सके।
 
विशेष धर्म को प्रमाणन व्यवसाय चलाने की अनुमति क्यों?
 
मुकदमा दर्ज कराने वाले शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण हलाल का प्रमाणपत्र नहीं देता है। भारत में कुछ धार्मिक संगठन हैं जो उत्पादों को हलाल प्रमाणपत्र जारी करते हैं। यह एक समानांतर प्रमाणन प्रक्रिया है जो संबंधित राज्य और राष्ट्रीय प्राधिकरणों के दायरे से बाहर चल रही है। सवाल यह है कि क्या यह व्यवस्था भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की प्रमाणन प्रक्रिया को कमजोर नहीं करती है ? जिस देश में हिंदू बहुसंख्यक हैं और ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग हैं तो एक विशेष धर्म को अपना प्रमाणन व्यवसाय चलाने की अनुमति क्यों?