अणुव्रत लेखक सम्मान व अणुव्रत गौरव पुरस्कार प्रदान

Pratahkal    18-Nov-2023
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Anuvrat Writer Award 2023 
मुंबई। आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में शुक्रवार को अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा अणुव्रत लेखक सम्मान व अणुव्रत गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया।
 
तीर्थंकर समवसरण में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि क्रोध आदमी के शरीर, वाणी और मन के भीतर ही छिपा हुआ होता है। आदमी को प्रयास यह करना चाहिए कि उसे क्रोध आए ही नहीं, यदि मन में क्रोध के भाव आ भी गए तो वह प्रयास करे कि क्रोध की अभिव्यक्ति वाणी से न हो। किसी को गाली दे देना, अनाप-शनाप बोलने से बचने का प्रयास हो। वाणी के साथ-साथ क्रोध के कारण शरीर का भी प्रयोग न हो इसका भी प्रयास करना चाहिए। क्रोध को विफल करने के लिए वाणी को मौन और शरीर को स्थिर रखने का प्रयास हो तो आदमी क्रोध को विफल कर सकता है। इसी प्रकार आदमी को अहंकार से भी बचने का प्रयास करना चाहिए। ज्ञान, धन, पद, प्रतिष्ठा, शक्ति आदि किसी चीज का अहंकार नहीं करना चाहिए। ज्ञान होने पर भी मौन हो जाना और शक्ति होने पर क्षमा करने से मनुष्य मान-सम्मान को प्राप्त कर सकता है।
 
प्रवचन के बाद आचार्यश्री के सानिध्य में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा अणुव्रत लेखक पुरस्कार राजस्थानी भाषा के लेखक इकराम राजस्थानी को और अणुव्रत गौरव पुरस्कार डालचंद कोठारी को प्रदान किया गया। संचालन सोसायटी उपाध्यक्ष प्रतापसिंह दूगड़ ने किया।