मुंबई : 159वाँ मर्यादा महोत्सव (Maryada Mahotsav) कांदिवली तेरापंथ भवन में आयोजित किया गया। साध्वियों ने मर्यादा गीत का संगान किया। मुंबई तेरापंथी सभा (Mumbai Terapanthi Sabha) के कार्यकारी अध्यक्ष नवरतन गन्ना, कांदिवली तेरापंथी सभा अध्यक्ष पारसमल दुगड, तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन अध्यक्ष विनोद बोहरा, चातुर्मास व्यवस्था समिति के मुख्य नियोजक मनोहर गोखरू एवं महामंत्री सुरेन्द्र कोठारी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष कंचन सोनी, मलाड तेरापंथी सभा अध्यक्ष इंदरचंद कच्छारा आदि ने मर्यादा महोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला।
साध्वी विमलप्रज्ञा ने मर्यादाओं की उपयोगिता बताते हुए उन प्रसंगों को सुनाया जिनसे अनुशासन एवं समर्पण के भाव पुष्ट होते हैं। डा. मुनि अभिजितकुमार ने कहा कि मर्यादा का मूल आधार है आचार। मर्यादा तभी फलवान होती है जब आचार की शुद्धता हो। मुनि जागृत कुमार ने ध्यान का प्रयोग करवाया। साध्वी निर्वाणश्री ने कहा कि धर्मसंघ के चतुर्थ आचार्य श्रीमद् जयाचार्य ने आचार्य भिक्षु द्वारा लिखित मर्यादाओं को महोत्सव का रूप दिया। आचार्य भिक्षु एक आचार निष्ठ, प्रबल साहसी एवं दूरदर्शी आचार्य थे। डा. साध्वी योगक्षेमप्रभा ने आचार्य महाश्रमण का अभिनंदन करने का जोश के साथ आह्वान किया। मीनाक्षी भूतोडिया ने तप से संबंधित गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी प्रेरणाश्री ने मुक्तक, साध्वी राजश्री एवं साध्वी काम्यप्रभा ने वक्तव्य के माध्यम से विचारों को अभिव्यक्ति दी। साध्वी वृंद ने जय अनुशासन जय मर्यादा गीत प्रस्तुत कर भावविभोर कर दिया। संचालन साध्वी प्रियंवदा ने किया। आभार ज्ञापन मुंबई सभा मंत्री दीपक डागलिया ने किया।