जयपुर (कार्यालय संवाददाता) : अपने चार साल की उपलब्धियों की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रभारी मंत्रियों को जिलों में भेज दिया है। प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं। अब मंत्री जिलों में जाकर आमजन से मिलेंगे। साथ ही कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर कामकाज के बारे में फीडबैक लेंगे। बाद में जिला अधिकारियों से मिलकर योजनाओं की क्रियान्वंति के बारे में भी अपडेट प्राप्त करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सचिन पायलट की ओर से लगातार किए जा रहे किसान सम्मेलनों (Kisan Sammelan) में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत भी सचेत हो गए हैं। उन्होंने अपने समर्थित नेताओं को जनता के बीच भेजा है। चूंकि पायलट प्रदेश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेताओं की लिस्ट में टॉप पर हैं। ऐसे में उनकी लोकप्रियता से घबराया गहलोत खेमा भी अपना वजूद और मजबूत करने में जुट गया है।
सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे सचिन पायलट
किसान सम्मेलनों के जरिए जनता को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) लगातार सरकार पर सियासी हमले कर रहे हैं। हालांकि वे कांग्रेस पार्टी को जनता की हितैषी पार्टी बता रहे हैं लेकिन अशोक गहलोत के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। कभी पेपर लीक माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर तो कभी राजनैतिक नियुक्तियों को लेकर गहलोत के घेर रहे हैं। पायलट का कहना है कि संगठन में सालों तक सक्रिय रहने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है। ऐसे में पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं में निराशा है। पायलट की सभाओं में किसानों के साथ बड़ी संख्या में युवा और महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं। युवाओं और महिलाओं के मुद्दों को भी पायलट जोर शोर से उठा रहे हैं।
डेमेज कंट्रोल करने के लिए जिलों में भेजे प्रभारी मंत्री
सचिन पायलट के शक्ति प्रदर्शन और उनके बढते कद को देखते हुए अशोक गहलोत डेमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। किसान सम्मेलनों में लगातार सरकार पर उठ रहे सवालों को लेकर गहलोत चिन्ता में हैं। प्रभारी मंत्रियों को फिल्ड में उतार कर पायलट के आरोपों को खारिज करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई, राजनैतिक नियुक्तियों में भेदभाव और सक्रिय कार्यकर्ताओं की अनदेखी के मामलों को जनता देख रही है लेकिन सरकार की महत्वकांशी योजनाओं के जरिए इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभारी मंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, ओल्ड पेंशन स्कीम और सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों और करीब तीन लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दिए जाने के मुद्दों के जरिए गहलोत के कार्यकाल को बेहतरीन बताए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस चुनावी साल में गहलोत अपनी छवि को गांधीवादी नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।